अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) की बैठक संपन्न
हाल ही में भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) की रणनीतिक योजना में डिजिटलीकरण को शामिल करने के संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के प्रस्ताव का समर्थन किया है।
- यह प्रस्ताव अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) की परिषद के चल रहे सत्र के दौरान प्रस्तुत किया गया है। इससे समुद्री क्षेत्र में विनियामक बाधाओं को हल करने में मदद मिलेगी।
- भारत ने इस सत्र में डिजिटलीकरण पहल के एक भाग के रूप में एक समुद्री एकल खिड़की प्रणाली को अपनाने का भी समर्थन किया है।
- IMO परिषद की बैठक का आयोजन प्रत्येक दो वर्षों में होता है। यह परिषद संगठन के लिए रणनीतिक योजना को अपनाती है। इस योजना की अवधि छह वर्षों की होती है।
- इसमें मिशन और विज़न, रणनीतिक निर्देश, प्रदर्शन संकेतक और अपेक्षित परिणामों की सूची शामिल होती है।
- मौजूदा रणनीतिक योजना के तहत 8 रणनीतिक निर्देशों में डिजिटलीकरण को व्यापक रूप से शामिल नहीं किया गया है।
समुद्री उद्योग में डिजिटलीकरण के लाभ
- इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में शामिल सभी हितधारकों के बीच संचार स्थापित करने और उसे सुगम बनाने में मदद मिलेगी ।
- इससे प्रतिस्पर्धात्मकता और परिचालन संबंधी दक्षता बढ़ाने में मदद मिलेगी ।
- यह उद्योग को विकार्बनीकरण उपाय अपनाने के लिए प्रेरित करेगा। इससे सदी के मध्य तक अंतर्राष्ट्रीय पोत परिवहन से शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य की प्राप्ति में मदद मिलेगी।
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (International Maritime Organization: IMO) के बारे में:
- यह संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है। इसका मुख्यालय लंदन में है ।
- यह अंतर्राष्ट्रीय पोत परिवहन की कुशलता और सुरक्षा में सुधार करने तथा पोतों से प्रदूषण को रोकने के उपाय लागू करने के लिए जिम्मेदार है।
- यह समुद्री क्षेत्रों से जुड़े कानूनी मामलों की देखरेख भी करता है। इन मामलों में देयता और मुआवजे संबंधी मुद्दे शामिल हैं। यह अंतर्राष्ट्रीय समुद्री यातायात को सुगम बनाने के उपाय भी करता है।
स्रोत – द हिन्दू