इंटरनेशनल डार्क स्काई वीक
हाल ही में इंटरनेशनल डार्क स्काई वीक 22 से 30 अप्रैल 2022 के बीच आयोजित किया गया है ।
‘डार्क स्काई वीक’, इंटरनेशनलडार्क-स्काई एसोसिएशन (IDA) द्वारा आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम है। यह प्रकाश प्रदूषण के नकारात्मक प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने और रात्रिकालीन आकाश का आनंद उठाने के लिए आयोजित किया जाता है।
ऐसा कृत्रिम प्रकाश (आमतौर पर घरों से बाहर) जो अत्यधिक परिमाण में हो, गलत दिशा में हो, या बाधा उत्पन्न करने वाला हो, प्रकाश प्रदूषण (Light or Photo pollution) कहलाता है ।
प्रकाश प्रदूषण के घटकों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- तीव्र प्रकाश (Glare); अत्यधिक चमक जो देखने में असुविधा पैदा करे।
- आकाशीय चमक (Sky glow) आबाद क्षेत्रों में रात्रि में आकाश का चमकना।
प्रकाश का अनुचित उपयोग (Light trespass): वैसी जगहों पर प्रकाश का उपयोग जहां इसकी आवश्यकता नहीं है अथवा जहाँ यह दूसरों के लिए असुविधा उत्पन्न करता है।
प्रकाशीय अव्यवस्था (clutter): प्रकाश स्रोतों का भ्रामक एवं अत्यधिक समूहन।
प्रकाश प्रदूषण का प्रभाव:
- खगोलीय अनुसंधान में व्यवधान उत्पन्न करता है। विशेष रूप से मनुष्यों और उसके प्राकृतिक शारीरिक चक्रों यानी सरकेडियन रिदम (Circadian rhythms) पर प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभाव डालता है। साथ ही, यह मेलाटोनिन के उत्पादन को भी प्रभावित करता है। मेलाटोनिन प्रकाश और अंधेरे द्वारा नियंत्रित होते हैं।
- सरकेडियन रिदम शारीरिक, मानसिक और व्यवहार में परिवर्तन हैं, जो 24 घंटे के चक्र का पालन करते हैं।
- अव्यवस्थित पारिस्थितिक तंत्र में, प्रकाश प्रदूषण विशेष रूप से निशाचर वन्यजीवों के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है। इसका पौधों और जानवरों के शरीर विज्ञान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह ऊर्जा की खपत को बढ़ाता है।
प्रकाश प्रदूषण से निपटने के तरीके:
- प्रदर्शनों और रोशनी के लिए LED तकनीक एवं हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
- अधिक चमक वाले विज्ञापनों से बचना चाहिए। ये ट्रैफिक सिग्नल्स को धुंधला कर देते हैं और उसकी दृश्यता को कम करते हैं।
स्रोत –द हिन्दू