आपदा रोधी अवसंरचना के लिए अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन (ICDRI) के मंच से प्रधानमंत्री का संबोधन

आपदा रोधी अवसंरचना के लिए अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन (ICDRI) के मंच से प्रधानमंत्री का संबोधन

  • हाल ही में, प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आपदा रोधी अवसंरचना के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ICDRI) के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया।
  • ICDRI,आपदा और जलवायु हेतु लचीला बुनियादी ढांचे पर, वैश्विक विमर्श को मजबूत करने के लिए सदस्य देशों, संगठनों और संस्थानों के साथआपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढाँचे के लिए गठबंधन(CDRI) का वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन है।

आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढाँचे के लिए गठबंधन(CDRI):

प्रमुख बिंदु:

  • CDRI राष्ट्रीय सरकारों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों एवम कार्यक्रमों, बहुपक्षीय विकास बैंकों और वित्तपोषण तंत्र, निजी क्षेत्र और ज्ञान संस्थानों की एक बहु-हितधारक वैश्विक साझेदारी है।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 23 सितंबर, 2019 कोसंयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलनमें अपने भाषण के दौरान CDRI का शुभारंभ किया था।
  • विषयगत क्षेत्र: – शासन और नीति, जोखिम पहचान और आकलन, मानक और प्रमाणन, क्षमता निर्माण, नवाचार और उभरते प्रौद्योगिकी, रिकवरी और पुनर्निर्माण, वित्त और समुदाय आधारित दृष्टिकोण।
  • इसका उद्देश्य सतत विकास के समर्थन में जलवायु और आपदा जोखिमों हेतु नई और मौजूदा बुनियादी ढाँचे प्रणालियों के लचीलापन को बढ़ावा देना है।
  • सीडी आर आई सचिवालय: -नई दिल्ली(भारत)
  • सदस्य: – कुल 22 देश एवं 7 संगठन।

CDRI का लाभ और महत्व:

  • डिजास्टर रिस्करिडक्शन के लिए सेंदाई फ्रेमवर्क (SFDRR), सतत विकास के लिए आधारशिला के रूप में लचीले बेहतर बुनियादी ढांचे की भूमिका पर प्रकाश डालता है।
  • इस पहल से समाज के सभी वर्गों को लाभ होगा।
  • समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, महिलाओं और बच्चों, आपदाओं के प्रभावों के लिए सबसे अधिक असुरक्षित हैं और इसलिए, आपदा लचीले बुनियादी ढांचे को बनाने में ज्ञान और अभ्यास के सुधार से लाभ होगा।
  • यह उच्च आपदा जोखिम वाले सभी क्षेत्रों को भी लाभान्वित करेगा।
  • भारत में, उत्तर-पूर्वी और हिमालयी क्षेत्रों में भूकंप, तटीय क्षेत्रों में चक्रवात और सूनामी और मध्य प्रायद्वीपीय क्षेत्र में सूखे का खतरों की समस्या से निदान पाने में सहायक होगा ।
  • CDRI भारत की सॉफ्ट पॉवर को बढ़ाता है, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इसका अर्थ सिर्फ अर्थशास्त्र से अधिक है, जो आपदा जोखिम में कमी, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) और जलवायु समझौते के बीच तालमेल के रूप में टिकाऊ और समावेशी विकास प्रदान करता है.
  • विदेशों में सेवाओं का विस्तार करने के लिए भारतीय बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी फर्मों के लिए अवसर सृजित करता है।

हमें वैश्विक गठबंधन की आवश्यकता क्यों है?:

  • भारत सहित कई देशों ने वर्षों से मजबूत आपदा प्रबंधन प्रथाओं को विकसित किया है, जिन्होंने आपदा में मानव हताहतों की संख्या को तेजी से कम करने में मदद की है।हालांकि, मुख्य रूप से बड़े बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान के कारण एक आपदा की आर्थिक लागत बहुत बड़ी होती है ।
  • आपदा लोचशील बुनियादी ढांचे के लिए एक वैश्विक गठबंधन उन चिंताओं को संबोधित करेगा जो विकासशील और विकसित देशों, छोटी और बड़ी अर्थव्यवस्थाओं, बुनियादी ढांचे के विकास के शुरुआती और उन्नत चरणों वाले देशों और सामान्य या उच्च आपदा जोखिम वाले देशों के बीच उभय-निष्ठ हैं।

स्त्रोत: पीआइबी

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