विदेश मंत्रालय (MEA) के नेतृत्व में अंतर–मंत्रालयी समन्वय समूह (IMCG) की पहली बैठक
हाल ही में भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) के नेतृत्व में अंतर-मंत्रालयी समन्वय समूह (IMCG) की पहली बैठक आयोजित की गई ।
भारत के अपने पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संपर्क पर अंतर-मंत्रालयी समन्वय समूह (MCG) की पहली बैठक भारतीय विदेश सचिव की अध्यक्षता में हुई थी।
इस पहल में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के सभी सदस्य देशों के साथ-साथ म्यांमार भी शामिल है।
इसमें निम्नलिखित विषयों पर बल दिया गया है:
- नेपाल के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए सीमा पार अवसंरचना का निर्माण,बांग्लादेश के साथ रेल संपर्क का विस्तार करना, भूटान और मालदीव की विशेष जरूरतों को पूरा करना, अफगानिस्तान एवं म्यांमार को मानवीय सहायता प्रदान करना तथा श्रीलंका के साथ मछुआरों और मत्स्यन से जुड़े मुद्दों का समाधान करना।
- अंतर-मंत्रालयी समन्वय समूह को एक उच्च स्तरीय (सचिव स्तर) तंत्र के रूप में स्थापित किया गया है। यह भारत की “पड़ोसी देश प्रथम” नीति को मुख्यधारा में लाने की दिशा में कार्यरत है।
- IMCG को अंतर-मंत्रालयी संयुक्त कार्य बल (JTF) सहयोग प्रदान करता है। इस कार्य बल को विदेश मंत्रालय में संबंधित संयुक्त सचिवों द्वारा आहूत किया जाता है। IMCG सरकार के सभी स्तरों पर संस्थागत समन्वय में सुधार करेगा। साथ ही, यह सर्व-सरकारी दृष्टिकोण (सरकार के मंत्रालयों, विभागों आदि द्वारा निष्पादित संयुक्त गतिविधियों) को व्यापक दिशा भी प्रदान करेगा।
- इसका उद्देश्य भारत के उसके पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में बेहतर कनेक्टिविटी, मजबूत अंतर-संपर्क और लोगों के मध्य जुड़ाव को बढ़ावा देना है।
- सार्क (SAARC) दक्षिण एशिया के आठ देशों का एक आर्थिक और राजनीतिक संगठन है।
- इसे वर्ष 1985 में स्थापित किया गया था। इसकी स्थापना बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका द्वारा औपचारिक रूप से चार्टर को अपनाने की साथ हुई थी।
- अफगानिस्तान वर्ष 2007 में इसमें 8वें सदस्य के रूप में शामिल हुआ था।
स्रोत –द हिन्दू