भारतीय-अमरीकी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी फोरम
- हाल ही में अमरीकी- भारतीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पहल को भारतीय-अमरीकी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी फोरम (Indo-U.S. Science and Technology Forum – IUSSTF) द्वारा लॉन्च किया गया है ।
- यह पहल उन महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सहयोग पर केंद्रित है जो दोनों देशों की प्राथमिकताओं में शामिल हैं।
- आईयूएसएसटीएफ एक द्वि-देशीय संगठन है इसका वित्त पोषण भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और अमेरिकी राज्य विभाग द्वारा होता है।
- यूएसआईएआई अवसरों, चुनौतियों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुसंधान एंव विकास के लिए विचार विमर्श करने हेतु एक द्वि-देशीय मंच है ।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कार्यबल विकसित करने एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नवाचार को सक्षम करने के लिए विचारों को साझा करने में मदद करेगा ।
भारत में कृत्रिम बुद्धि (artificial intelligence)
- इंफोसिस के को-फाउंडर गोपालकृष्णन की रिसर्च एजेंसी इतिहासा (itihaasa) द्वारा जारी रिपोर्ट में भारत (12,135 शोधपत्र) को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षेत्र में अनुसंधान के लिए विश्व में तीसरा स्थान दिया गया।
- भारत में वर्तमान में निजी क्षेत्र द्वारा AI का उपयोग बेहतर सेवाएं प्रदान करने, बाज़ार के पैटर्न पता करने. लैंग्वेज प्रोसेसिंग, लोगों को सलाह देने में किया जा रहा है. Adobe ने हैदराबाद में AI लैब स्थापित की है.
- गत वर्ष सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने AI पर फ्रेमवर्क निर्माण के लिए एक नीति समूह का गठन किया. फरवरी 2018 में महाराष्ट्र सरकार ने कनाडा के सहयोग से देश के पहले AI सेंटर के गठन की घोषणा की. बजट 2019 में केंद्र सरकार द्वारा जुलाई 2019 तक एक ‘राष्ट्रीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर’ के गठन की घोषणा की गई थी.
कृत्रिम बुद्धि (artificial intelligence)
- आजकल कंप्यूटर सिस्टम की प्रोग्रामिंग इस प्रकार की जाती है कि वे ऐसे काम कर सकते हैं जो अन्यथा मानवीय बुद्धि से ही संभव होते हैं. अतः कंप्यूटर विज्ञान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से आशय किसी कंप्यूटर, रोबोट या अन्य मशीन द्वारा मनुष्यों के समान बुद्धिमत्ता के प्रदर्शन से है।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता किसी कंप्यूटर या मशीन द्वारा मानव मस्तिष्क के सामर्थ्य की नकल करने की क्षमता है, जिसमें उदाहरणों और अनुभवों से सीखना, वस्तुओं को पहचानना, भाषा को समझना और प्रतिक्रिया देना, निर्णय लेना, समस्याओं को हल करना तथा ऐसी ही अन्य क्षमताओं के संयोजन से मनुष्यों के समान ही कार्य कर पाने की क्षमता आदि शामिल है।
- वर्तमान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष विज्ञान, रक्षा, परिवहन और कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता
स्रोत – पीआईबी