भारत के राष्ट्रपति की मध्य एशियाई देश तुर्कमेनिस्तान यात्रा
हाल ही में, भारत- तुर्कमेनिस्तान ने निम्नलिखित क्षेत्रों में चार समझौता ज्ञापनों/सहयोग कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए हैं: जो हैं – आपदा प्रबंधन,वित्तीय आसूचना,संस्कृति और- युवा मामले ।
विदित हो कि, भारत के राष्ट्रपति मध्य एशियाई देश तुर्कमेनिस्तान की यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने दोहराया कि, मध्य एशियाई देशों के साथ कनेक्टिविटी भारत के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता है।
उन्होंने तुर्कमेनिस्तान के अश्गाबात में इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल रिलेशन्स में एक “इंडिया कॉर्नर” का भी उद्घाटन किया।
मध्य एशिया के साथ भारत के संबंध
- मध्य एशिया भारत के विस्तारित पड़ोस का हिस्सा है। मध्य एशिया के अधिकांश देशों के साथ भारत के रणनीतिक संबंध हैं।
- जनवरी 2022 में, भारत ने प्रथम भारत मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी।
- इसे भारत और मध्य एशिया के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया गया था।
- भारत “अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे” (International North-South Transport Corridor: INSTC) और अश्गाबात समझोते, दोनों का सदस्य है।
- भारत ने ईरान में चाबहार बंदरगाह के माध्यम से कनेक्टिविटी का विस्तार करने के लिए कदम उठाए हैं। यह बंदरगाह मध्य एशियाई देशों के लिए समुद्र तक सुरक्षित, व्यवहार्य और निर्बाध पहुंच प्रदान करेगा।
- विदेश मंत्रियों के स्तर का भारत मध्य एशिया संवाद वर्ष 2019 से प्रतिवर्ष आयोजित किया जा रहा है।
- भारत मध्य एशिया में सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए उच्च प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियोजनाओं का संचालन करेगा। इसलिए, भारत ने इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन हेतु अनुदान सहायता प्रदान करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
स्रोत –द हिन्दू