भारतीय वायु सेना में महिला लड़ाकू पायलटों की भर्ती की योजना
हाल ही में रक्षा मंत्रालय भारतीय वायु सेना में महिला लड़ाकू पायलटों की भर्ती की योजना को एक स्थायी योजना बनाएगा ।
रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना में महिला लड़ाकू पायलटों की भर्ती की प्रायोगिक योजना को अब स्थायी योजना में बदलने का निर्णय लिया है।
कुल 16 महिलाओं को उनकी भर्ती की प्रायोगिक योजना के बाद लड़ाकू पायलटों के रूप में नियुक्त किया गया है।
वर्ष 2021 में, उच्चतम न्यायालय ने महिलाओं को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) की प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने का आदेश दिया था। इस परीक्षा के माध्यम से वे रक्षा सेवाओं में अधिकारियों के रूप में कमीशन प्राप्त कर सकेंगी।
इसके बाद, केंद्र ने सूचित किया था कि तीनों सेना प्रमुखों ने महिलाओं के स्थायी कमीशन और NDA में उनके प्रवेश के लिए सहमति व्यक्त की है। वर्तमान में, थल सेना में 0.56%, वायु सेना में 1.08% और नौसेना में 6.5% महिला कार्मिक हैं।
सशस्त्र बलों में महिलाओं की कम संख्या होने के लिए उत्तरदायी कारणः
- महिलाओं की नेतृत्वकर्ता की भूमिका को लेकर पुरुष सैनिकों के बीच कम स्वीकृति है।
- लैंगिक उत्पीड़न की आशंका।
- शारीरिक सीमाएं।
- अलग शौचालय आदि जैसे बुनियादी ढांचे की कमी।
बबीता पुनिया मामले में, उच्चतम न्यायालय ने यह निर्णय दिया था कि महिलाओं को उनके पुरुष समकक्षों के बराबर स्थायी कमीशन (PC) और पदोन्नति दी जानी चाहिए।
इसके अतिरिक्त, हाल ही में यह निर्णय लिया गया है कि छात्राओं के लिए भी सैनिक स्कूल खोले जाएंगे।
स्रोत –द हिन्दू