भारत ने वर्ष 2023-24 तक 1.2 बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा

भारत ने वर्ष 2023-24 तक 1.2 बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा

हाल ही में केंद्रीय कोयला मंत्री ने जानकारी दी है कि भारत ने वर्ष 2023-24 तक 1.2 बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है।

केंद्रीय कोयला मंत्री ने कहा है कि कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) ने CIL की खदानों से एक अरब टन कोयला उत्पादन करने वाले कार्यक्रम की परिकल्पना की है।

CIL ने लगभग 180 MTPA (मिलियन टन प्रतिवर्ष) की क्षमता वाली 15 परियोजनाओं की पहचान की है। इनका संचालन माइन डेवलपर सह ऑपरेटर मोड द्वारा किया जाएगा।

CIL ने “फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी” परियोजनाओं के तहत मशीनीकृत कोयला परिवहन और लदान प्रणाली को उन्नत करने के लिए कदम उठाए हैं। वर्ष 2020-21 के दौरान कोयले का अखिल भारतीय उत्पादन 718.08 मीट्रिक टन (अनंतिम) था। इसमें 2.03 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि हुई थी।

कोयला उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमः

  • राजस्व साझाकरण तंत्र पर कोयले की वाणिज्यिक नीलामी।
  • कोयला खदानों के संचालन में तेजी लाने के लिए कोयला क्षेत्रक के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल।
  • नीलामी के संचालन की प्रक्रिया में तेजी लाने और वर्ष के दौरान नीलामी के अधिक दौर को संचालित करने के लिए रोलिंग नीलामी तंत्र।
  • कोयला खनन में स्वचालित मार्ग के माध्यम से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश।

कोयला क्षेत्रक के समक्ष चुनौतियां

  • नवीनतम तकनीकी उपकरणों का अभाव एवं खुली खदानों से कोयला खनन की अधिकता।
  • राज्य और केंद्र सरकार के स्तर पर कई स्वीकृतियों को प्राप्त करना।
  • नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में प्रगति।
  • अवैध खनन में वृद्धि और कोयले का निर्यात।

भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक है। भारत में कोयले का विश्व का 5वां सबसे बड़ा भंडार (2020) है।

स्रोत द हिन्दू

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