भारत ने G-20 की अध्यक्षता ग्रहण
हाल ही में भारत ने औपचारिक रूप से G-20 की अध्यक्षता (प्रेसीडेंसी) ग्रहण कर ली है। इस अवसर पर प्रधान मंत्री ने कहा है कि भारत का G-20 संबंधी एजेंडा समावेशी, महत्वाकांक्षी और कार्योन्मुख होगा।
प्रधान मंत्री के संबोधन में G-20 के लिए अन्य प्राथमिकताएँ
- भारत का लक्ष्य एकात्मता की सार्वभौमिक भावना को बढ़ावा देना है । इसलिए भारत द्वारा G-20 की अध्यक्षता एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” या “वसुधैव कुटुम्बकम’ की थीम से प्रेरित है।
- डिजिटल जन उपयोगिताओं के निर्माण में प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर भारत का अनुभव विश्व के देशों (विशेष रूप से विकासशील विश्व ) के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करता है।
- खाद्य, उर्वरक और चिकित्सा उत्पादों की वैश्विक आपूर्ति को गैर-राजनीतिक स्वरूप देने का प्रयास किया जाएगा। इससे भू-राजनीतिक तनाव मानव जाति के लिए संकट नहीं बन सकेगा।
- अन्य प्राथमिकताएं: लाइफ / LIFE (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) को अपनाना, आपदा जोखिम में कमी और लचीलेपन में वृद्धि; आर्थिक अपराधों के खिलाफ लड़ाई; बहुपक्षीय संगठनों में सुधार आदि ।
ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी (G–20 ) के बारे में
- इसकी स्थापना वर्ष 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद की गई थी। यह अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का एक प्रमुख मंच है। इसकी स्थापना वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए एक मंच के रूप में की गई है।
- यह संगठन वैश्विक GDP के लगभग 85% वैश्विक व्यापार के 75% से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है।
- G-20 का अध्यक्ष एक वर्ष के लिए G-20 एजेंडे का संचालन करता है और शिखर सम्मेलन की मेजबानी करता है।
- इसका कोई स्थायी सचिवालय नहीं है। इसके अध्यक्ष को ‘ट्रोइका’ द्वारा समर्थन प्रदान किया जाता है।
- ट्रोइका में शामिल हैं: G-20 का पिछला वर्तमान और आगामी अध्यक्ष ।
- वर्तमान में, ट्रोइका में इंडोनेशिया, भारत और ब्राजील शामिल हैं।
स्रोत – द हिन्दू