मालदीव के राष्ट्रपति द्वारा ‘इंडिया आउट‘ अभियान पर प्रतिबंध
हाल ही में मालदीव के राष्ट्रपति ने “इंडिया आउट” अभियान पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है।
यह कदम मालदीव और भारत के बीच लंबे समय से चले आ रहे द्विपक्षीय संबंधों की रक्षा करने, तथा मालदीव की राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
“इंडिया आउट” दुष्प्रचार को एक संगठित अभियान माना जा रहा है। इसका उद्देश्य अशांति उत्पन्न कर दोनों देशों के बीच संबंधों को बाधित करना है।
भारत-विरोधी इस अभियान का एक कारण वर्ष 2021 में भारत द्वारा मालदीव के तटरक्षक बल के लिए उथुरु थिलाफल्हू {Uthuru Thilafalhu(UTF)} एटोल पर एक बंदरगाह विकसित करने हेतु द्विपक्षीय सहयोग है। मालदीव में यह अफवाह फैलाई गई कि वहां भारतीय सैन्यकर्मियों को तैनात किया जाएगा।
मालदीव निम्नलिखित कारणों से भारत के लिए सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि मालदीव भारत के पश्चिमी तट के निकट स्थित है, तथा मालदीव, हिंद महासागर से गुजरने वाले वाणिज्यिक समुद्री मार्ग के केंद्र में स्थित है।
दोनों देशों ने समुद्री क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिए भारत से क्रेडिट लाइन के साथ एक सुरक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
मालदीव कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव का हिस्सा है। इसे भारत ने शुरू किया है। इस कॉन्क्लेव में श्रीलंका और मॉरीशस के साथ हिंद महासागर में शांतिपूर्ण सहयोग की परिकल्पना की गई है।
भारत मालदीव के विभिन्न प्रवाल द्वीपों पर उच्च प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियोजनाओं (HICDP) का निर्माण कर रहा है।
मालदीव के लिए भारत का दृष्टिकोण क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं विकास (SAGAR) विज़न से प्रेरित है। यह विज़न पूर्वी हिंद महासागर में द्वीपीय देशों की सहायता के लिए विकसित किया गया है।
भारत–मालदीव संबंधों में चिंता के अन्य कारक
- राजनीतिक अस्थिरताः मालदीव में पूर्ववर्ती सरकार चीन समर्थक थी। उसने भारत-मालदीव संबंधों में एक अंतराल पैदा कर दिया था।
- चीन के साथ संबंधः मालदीव दक्षिण एशिया में चीन की “स्ट्रिग ऑफ पर्ल्स” नीति के एक महत्वपूर्ण “मोती” के रूप में उभरा है। साथ ही, चीन-मालदीव मैत्री सेतु जैसे क्षेत्र में भारी चीनी निवेश भारत के लिए चिंता का विषय हैं।
- इस्लामी कट्टरपंथः राजनीतिक और सामाजिक-आर्थिक अनिश्चितता के कारण बड़ी संख्या में मालदीव के लोग इस्लामिक स्टेट (IS) और पाकिस्तान स्थित मदरसों एवं जिहादी समूहों जैसे आतंकवादी समूहों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
स्रोत –द हिन्दू