भारत अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के वर्ष 2023 सत्र का आयोजन
हाल ही में भारत अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के वर्ष 2023 सत्र का आयोजन करेगा।
यह सत्र मुंबई में आयोजित होगा। भारत, दूसरी बार अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के सत्र की मेजबानी करेगा। भारत में IOC का प्रथम सत्र वर्ष 1983 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था।
- अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) की स्थापना वर्ष 1894 में की गई थी। यह एक गैर-लाभकारी स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय संगठन है।
- IOC का मुख्यालय लॉज़ेन (Lausanne), स्विट्जरलैंड में स्थित है। यह पूर्णतः निजी वित्त पोषण पर निर्भर है। यह सभी स्तरों पर खेल और एथलीटों के विकास के लिए अपने राजस्व का 90 प्रतिशत व्यापक खेल गतिविधियों को वितरित करता है।
- IOC का अध्यक्ष इसका प्रतिनिधित्व करता है। वह इसकी सभी गतिविधियों की अध्यक्षता करता है। IOC अध्यक्ष का चयन, सत्र द्वारा किया जाता है। IOC सत्र वैश्विक ओलंपिक आयोजनों की प्रमुख गतिविधियों पर चर्चा करता है और निर्णय लेता है। इन गतिविधियों में ओलंपिक चार्टर को अपनाना या संशोधन करना भी शामिल है। इसके द्वारा लिए गए निर्णय अंतिम होते हैं।
- सामान्यतः IOC के सत्र का आयोजन वर्ष में एक बार किया जाता है। लेकिन अध्यक्ष द्वारा या कम से कम एक तिहाई सदस्यों के लिखित अनुरोध पर, कभी भी सत्र आयोजित किया जा सकता है।
- भारत में, IOC सत्र की मेजबानी को भारत में ओलंपिक खेलों की मेजबानी के दीर्घकालिक लक्ष्य की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
ओलंपिक खेलों की मेजबानी के पक्ष में तर्कः ऐसे व्यापक खेल आयोजन के मेजबान शहर, नागरिक सुविधाओं के बुनियादी ढांचे एवं अत्याधुनिक खेल सुविधाओं से समृद्ध हो जाते हैं। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलता है। इन खेलों के मेजबान राष्ट्र, एक बड़ी वैश्विक शक्ति के रूप में उभरते हैं।
मेजबानी के विपक्ष में तर्क: इन खेलों के आयोजन की लागत उच्च होती है। इसके अलावा, ओलंपिक के दौरान निर्मित उच्च लागत वाली सुविधाएं, बाद में सीमित उपयोग की रह जाती हैं।
स्रोत –द हिन्दू