इंडिया इनइक्वलिटी रिपोर्ट 2022
- हाल ही में ऑक्सफैम इंडिया ने वार्षिक ‘इंडिया इनइक्वलिटी रिपोर्ट 2022 को ‘डिजिटल डिवाइड’ शीर्षक से जारी किया है।
- इसमें देश में व्याप्त असमानता के संकट को रेखांकित किया गया है। वर्ष 2022 की यह रिपोर्ट भारत में डिजिटल डिवाइड के विस्तार तथा शिक्षा, स्वास्थ्य और वित्तीय समावेशन जैसी आवश्यक सेवाओं पर इसके प्रभाव को रेखांकित करती है।
- ऑक्सफैम इंडिया एक गैर-लाभकारी संगठन है। यह भारत में बाल शिक्षा को बढ़ावा देने, महिलाओं का सशक्तीकरण करने और असमानता के खिलाफ उपायों में सहायता देने का काम कर रहा है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
- वर्ष 2021 में 61% पुरुषों के पास मोबाइल फोन थे, जबकि महिलाओं में यह अनुपात केवल 31% है।
- 67% शहरी आबादी इंटरनेट का उपयोग कर रही है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में यह केवल 31% है।
- कोविड के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में कंप्यूटर डिवाइस का उपयोग कम हुआ है।
- सबसे गरीब 40% आबादी की तुलना में सबसे अमीर 60% आबादी द्वारा डिजिटल भुगतान करने की संभावना चार गुना अधिक रहती है।
- महाराष्ट्र में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या सर्वाधिक है, जबकि बिहार में यह सबसे कम है।
डिजिटल डिवाइड को समाप्त करने के लिए की गई सिफारिशें
- सामुदायिक नेटवर्क और सार्वजनिक वाई – फाई / इंटरनेट एक्सेस पॉइंट जैसे उपायों के माध्यम से ग्रामीण तथा दुर्गम क्षेत्रों में इंटरनेट की उपलब्धता में सुधार किया जाना चाहिए।
- सरकार को डिजिटल उपकरणों को वहनीय बनाना चाहिए। इसके लिए डिजिटल अवसंरचना में निवेश, मजबूत विनियामक ढांचे का निर्माण तथा कंप्यूटर और फोन पर कर को घटाने जैसे कदम उठाए जाने चाहिए ।
- विशेष रूप से ग्रामीण भारत में डिजिटल साक्षरता शिविरों का आयोजन करना चाहिए। इसके अलावा, पंचायतों और स्कूलों का डिजिटलीकरण भी करना चाहिए।
- एडटेक और हेल्थटेक से संबंधित शिकायतों का समाधान करने के लिए शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना करनी चाहिए।
- डिजिटल डिवाइड ‘सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों (CTs) तक पहुंच तथा विविध प्रकार की गतिविधियों के लिए इंटरनेट के उपयोग के अवसरों के मामले में अलग-अलग सामाजिक-आर्थिक स्तरों पर व्यक्तियों, परिवारों, व्यवसायों और भौगोलिक क्षेत्रों के बीच विद्यमान अंतर है।”
स्रोत – द हिन्दू