पेरिस में भारत–फ्रांस के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर वार्ता संपन्न हुई
हाल ही में, भारत-फ्रांस संयुक्त स्टाफ वार्ता का 20 वां संस्करण आयोजित किया गया था। इसमें द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए नई पहलों पर बल दिया गया है।
भारत-फ्रांस संयुक्त स्टाफ वार्ता दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए स्थापित एक मंच है। इसके लिए सामरिक और कार्रवाई स्तरों पर नियमित वार्ता आयोजित की जाती है।
फ्रांस तेजी से भारत के रक्षा सहयोगी भागीदार के रूप में उभर रहा है। इससे पहले, भारत और फ्रांस ने ब्लू इकोनॉमी पर आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए एक रोडमैप पर हस्ताक्षर किए थे। इसका उद्देश्य विधि के शासन के आधार पर महासागरीय अभिशासन के लिए एक साझा विज़न निर्मित करना है।
भारत–फ्रांस सहयोग के क्षेत्र
- ऊर्जा सहयोगः अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) दोनों देशों की संयुक्त पहल है। इसे सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए COP21 के दौरान लॉन्च किया गया था।
- रक्षा सहयोगः भारत ने फ्रांस से राफेल विमान खरीदे हैं। साथ ही, 6 स्कोर्पीन पनडुब्बियों (पी-75 प्रोजेक्ट के तहत) की खरीद के लिए एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किये हैं।
दोनों पक्ष निम्नलिखित तीन द्विवार्षिक संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास भी आयोजित करते हैं:
- गरुड़: द्विपक्षीय वायुसेना अभ्यास,
- वरुणः द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास, और
- शक्तिः द्विपक्षीय थल सेना अभ्यास।
- अंतरिक्ष सहयोगः भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ में सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
- असैन्य परमाणु सहयोगः दोनों देशों ने वर्ष 2008 में एक असैन्य परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
- भू–सामरिकः दोनों देशों ने एक स्वतंत्र और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
भारत–फ्रांस संबंध संक्षिप्त विवरण:
दोनों देशों के बीच परंपरागत रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। वर्ष 1998 में दोनों देशों ने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ा दिया था। दोनों देश एक बहु-ध्रुवीय विश्व व्यवस्था का समर्थन करते हैं।
फ्रांस, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत के दावे और संयुक्त राष्ट्र में सुधारों के संबंध में भारत की मांगों का समर्थन कर रहा है।
स्रोत –द हिन्दू