इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान (ICAP)
हाल ही में इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान (ICAP) को लागू करने के लिए किए गए उपायों के बारे में लोक सभा को सूचित किया गया है ।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2019 में इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान (ICAP) लॉन्च किया गया था।
ICAP, 20 वर्ष का एक दृष्टिकोण प्रदान करता है और सतत कूलिंग तक पहुंच प्रदान करने के लिए आवश्यक कार्यवाहियों की रूपरेखा तैयार करता है।
ICAP के निम्नलिखित लक्ष्य हैं:
- वर्ष 2037-38 तक सभी क्षेत्रों में कूलिंग की मांग को 20% से 25% तक कम करना।
- वर्ष 2037-38 तक रेफ्रिजरेंट की मांग को 25% से 30% तक कम करना।
- वर्ष 2037-38 तक कूलिंग के लिए बिजली की आवश्यकता को 25% से 40% तक कम करना।
- राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कार्यक्रम के तहत अनुसंधान के एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में “कूलिंग और संबंधित क्षेत्रों को मान्यता देना।
- स्किल इंडिया मिशन के साथ समन्वय करते हुए वर्ष 2022-23 तक सर्विसिंग क्षेत्र के 1,00,000 तकनीशियनों को प्रशिक्षण और प्रमाण-पत्र देना।
- ICAP के विषयगत (थीमेटिक) क्षेत्रों को लागू करने के लिए उठाए गए कदमः
- सभी बड़े वाणिज्यिक (गैर-आवासीय) भवनों के लिए ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता (Energy Conservation Building Code: ECBC) और आवासीय भवनों के लिए इको-निवास संहिता (ECBC-R) लागू की गयी है।
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने एक ऐसे रेफ्रिजरेंट के स्वदेशी स्तर पर विकास को बढ़ावा देने के लिए एक शोध परियोजना को वित्त पोषित किया है, जो ग्लोबल वार्मिंग में कम-से-कम योगदान दे।
- रेफ्रिजरेशन और एयर कंडीशनिंग क्षेत्र में ज्वलनशील रेफ्रिजरेंट के लिए सुरक्षा मानकों को विकसित करने के लिए एक अध्ययन किया गया है।
- प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के तहत 43,450 तकनीशियनों (रेफ्रिजरेशन और एयर कंडीशनिंग सर्विसिंग से संबंधित) का कौशल विकास कर उन्हें प्रमाण-पत्र जारी किया गया है।
स्रोत –द हिन्दू