भारत–ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ECTA) लागू
हाल ही में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ECTA) लागू हो गया है।
- यह पहला मुक्त व्यापार समझौता (FTA) है जिस पर भारत ने एक दशक से अधिक समय के बाद किसी प्रमुख विकसित देश के साथ हस्ताक्षर किये हैं।
- जापान और दक्षिण कोरिया के बाद ऑस्ट्रेलिया तीसरा OECD देश भी है जिसके साथ भारत ने ‘मुक्त व्यापार समझौते’ (FTA) पर हस्ताक्षर किये हैं।
- ECTA दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने और उसमें सुधार लाने के लिए एक संस्थागत तंत्र प्रदान करता है।
- इसमें भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच प्रभावी लगभग सभी टैरिफ लाइन्स को शामिल किया गया है।
- ECTA भारत के लिए वर्ष 2022 में प्रभावी होने वाला दूसरा व्यापार समझौता है। इससे पहले भारत-संयुक्त अरब अमीरात व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता भी प्रभावी हो चुका है।
आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ECTA) से लाभ
- अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 45-50 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने की उम्मीद है।
- भारत में रोजगार के कम-से-कम 10 लाख अतिरिक्त अवसर पैदा होंगे ।
- निवेश के नए अवसरों के द्वार खुलेंगे।
- स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा मिलेगा।
ETCA की मुख्य विशेषताएं–
- ऑस्ट्रेलिया अपनी 100% टैरिफ लाइन पर तरजीही बाजार (Preferential Market) पहुंच प्रदान करेगा, जिससे भारत को लाभ होगा। इनमें रत्न और आभूषण, वस्त्र, चमड़ा, फुटवियर जैसे भारत के श्रम प्रधान निर्यात क्षेत्र शामिल हैं।
- ऑस्ट्रेलिया ने कई सेवा उप-क्षेत्रकों में भी बाजार पहुंच देने का वादा किया है। इनमें IT, ITES, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि शामिल हैं।
- इस समझौते में फार्मास्युटिकल उत्पादों के लिए एक अलग अनुबंध किया गया है। इससे पेटेंट युक्त, जेनेरिक और बायोसिमिलर दवाओं को त्वरित मंजूरी मिल सकेगी।
- इस समझौते में उत्पत्ति के नियम (Rules of Origin), सेनेटरी और फाइटोसैनिटरी (SPS) उपाय, विवाद निपटान तंत्र, नेचुरल पर्सन्स (पेशेवरों) की आवाजाही जैसे क्षेत्र भी शामिल हैं।
स्रोत – पी.आई.बी.
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