भारत–ऑस्ट्रेलिया द्वितीय वर्चुअल शिखर सम्मेलन
हाल ही में भारत और ऑस्ट्रेलिया के प्रधान मंत्रियों ने दूसरा भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया
इस शिखर सम्मेलन के मुख्य निष्कर्षों पर एक नज़रः
- दोनों देश व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत प्रधान मंत्रियों के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित करने पर सहमत हुए।
- व्यापक रणनीतिक साझेदारी की स्थापना, वर्ष 2020 में आयोजित प्रथम शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी।
- ऑस्ट्रेलिया स्वच्छ प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और नवाचार जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए 280 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर से अधिक का निवेश करेगा।
- साथ ही, दोनों देश एक व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (Comprehensive Economic Cooperation Agreement: CECA) को जल्द से जल्द अंतिम रूप देंगे।
- शिखर सम्मेलन के दौरान जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए, उनमें प्रमुख हैं-भारत के खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड और ऑस्ट्रेलिया के क्रिटीकल मिनरल्स फैसिलिटेशन ऑफिस (CMFO) के बीच ऑस्ट्रेलियाई क्रिटीकल मिनरल्स परियोजना पर एक समझौता ज्ञापन।
- प्रवास और आवाजाही के संबंध में लेटर ऑफ इंटेंट (आशय पत्र) पर हस्ताक्षर किया गया। इस साझेदारी समझौते से छात्र और पेशेवर लाभान्वित होंगे।
भारत–ऑस्ट्रेलिया के बीच सहयोग के क्षेत्रः
- भू–रणनीतिक (Geostrategic): दोनों देशों का हिंद-प्रशांत (इंडो-पैसेफिक) क्षेत्र में एक साझा हित है। दोनों एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र की कल्पना करते हैं। इसके आलावा, दोनों देश क्वाड (QUAD) समूह के भी सदस्य हैं।
- व्यापार और निवेशः वर्ष 2020-21 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था। वर्ष 2020 में दोतरफा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का कुल मूल्य 1.04 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
- रक्षा (डिफेंस) और सुरक्षा (सिक्यूरिटी) सहयोगः इसमें शामिल हैं- सामरिक साझेदारी, सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा-पत्र, असैन्य परमाणु सहयोग समझौता, नियमित सैन्य अभ्यास (जैसे कि, AUSINDEX; AUSTRAHIND आदि)।
स्रोत –द हिन्दू