भारत और ओमान संबंध

भारत और ओमान संबंध

हाल ही में भारत और ओमान के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक आयोजित हुई ।

भारत और ओमान निवेश पर द्विपक्षीय प्रोटोकॉल और दोहरे कराधान से बचने के लिए जल्द से जल्द वार्ता को अंतिम रूप देने पर सहमत हुए।

दोनों देश अक्षय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन आदि जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए हैं।

भारत-ओमान संबंधः

  • राजनीतिक संबंध: ओमान, खाड़ी क्षेत्र में भारत का एक रणनीतिक साझेदार है। साथ ही, यह खाड़ी सहयोग परिषद (GCC), अरब लीग और इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA) जैसे मंचों पर एक महत्वपूर्ण वार्ताकार (interlocutor) भी है। ओमान के साथ राजनयिक संबंध वर्ष 1955 में स्थापित किए गए थे। वर्ष 2008 में इन संबंधों को अपग्रेड कर “रणनीतिक साझेदारी में बदल दिया गया था।
  • रक्षाः यह खाड़ी क्षेत्र का एकमात्र देश है, जिसके साथ भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों सेनाएं नियमित रूप से द्विपक्षीय अभ्यास करती हैं। ओमान, भारतीय नौसेना को अरब सागर में समुद्री डकैती रोधी अभियानों के लिए महत्वपूर्ण परिचालन सहायता (operational support) भी प्रदान करता है।
  • सामरिक: भारत ने सैन्य उपयोग और लॉजिस्टिक्स सपोर्ट के लिए ओमान के दुक्म बंदरगाह तक पहुंच प्राप्त कर ली है। यह इस क्षेत्र में चीन के प्रभाव से निपटने की भारत की रणनीति का एक हिस्सा है।
  • आर्थिक और वाणिज्यिकः वर्ष 2019 में ओमान के लिए, भारत उसके आयात हेतु तीसरा सबसे बड़ा अपडेट प्रदा स्रोत था तथा ओमान के कच्चे तेल के निर्यात के लिए तीसरा सबसे बड़ा बाजार था।

स्रोत -द हिन्दू

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