सौर क्षमता में 4.5 गीगावाट (GW) की वृद्धि की
भारत ने इस वर्ष (2021) सौर क्षमता में 4.5 गीगावाट (GW) की वृद्धि की है, यह वृद्धि वर्ष 2020 में संस्थापित क्षमता की तुलना में अधिक है।
विगत संपूर्ण वर्ष में 3.2 गीगावाट की तुलना में, वर्ष 2021 की प्रथम छमाही में भारत ने सौर क्षमता में 4.5 गीगावाट की वृद्धि दर्ज की है। यह उपलब्धि सौर क्षेत्रक की बढ़ोत्तरी की स्थिति को दर्शाती है।
इससे पूर्व, भारत के संस्थापित विद्युत क्षमता मिश्रण में सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी 10.3% तक पहुंच गई थी। ज्ञातव्य है कि यह पहली बार पवन आधारित ऊर्जा स्रोतों से अधिक थी।
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने हेतु सरकार द्वारा आरंभ की गई पहलें
राष्ट्रीय सौर मिशन
- भारत में रूफटॉप सौर ऊर्जा परियोजनाओं के प्रोत्साहन हेतु सृष्टि/SRISTI (सोलर ट्रांसफीग्रेशन ऑफ इंडिया) योजना।
- योग्य कार्यबल तैयार करने हेतु सूर्यमित्र कार्यक्रम।
- सौर पार्कों तथा अल्ट्रा-मेगा सौर विद्युत्परियोजनाओं का विकास।
- ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप प्रोग्राम।
- पी.एम.कुसुम/PM-KUSUM (प्रधानमंत्री किसान कर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना)।
- अजय/AJAY (अटल ज्योति योजना)।
- बड़े ऊर्जा उपभोक्ता ग्राहकों हेतु नवीकरणीय खरीद दायित्व।
अंतर्राष्ट्रीय पहले
- अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance: ISA) इसे भारत तथा फ्रांस द्वारा संभावित सदस्यों के रूप में कर्क रेखा और मकर रेखा के मध्य पूर्ण या आंशिक रूप से स्थित 121 सौर संसाधन संपन्न देशों की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु आरंभ किया गया था।
- एक विश्व, एक सूर्य, एक ग्रिड (One Sun One World One Grid: OSOWOG) पहल को ISA फोरम में भारत द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
स्रोत – द हिन्दू