अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष International Monetary Fund (IMF) ने सदस्य देशों को 650 बिलियन डॉलर दिए
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF) ने कोविड के आघात को कम करने के लिए अब तक के सबसे बड़े मौद्रिक भंडार वितरण को स्वीकृति प्रदान की है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोषने सदस्य देशों के लिए 650 बिलियन डॉलर के IMF (International Monetary Fund) विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights: SDR) के आवंटन को स्वीकृति प्रदान की है। यह इस कोष में सदस्य देशों की मौजूदा कोटा हिस्सेदारी के अनुपात में है।
भारत का कोटा 75 प्रतिशत और चीन का कोटा 6.41 प्रतिशत है, जबकि अमेरिका का कोटा 17.46 प्रतिशत है।
महत्वः
- इस आवंटन से सभी सदस्य देशों को लाभ होगा। इससे भंडार की दीर्घकालिक वैश्विक आवश्यकता की पूर्ति की जा सकेगी। साथ ही, विश्वास का निर्माण होगा और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लचीलेपन एवं स्थिरता में वृद्धि संभव हो सकेगी।
- यह आवंटन सबसे सुभेद्य देशों को कोविड-19 संकट के प्रभाव से निपटने में मदद करेगा।
विशेष आहरण अधिकार (SDR) के बारे में:
- यह एक अंतरराष्ट्रीय आरक्षित संपत्ति है। इसे IMF द्वारा वर्ष 1969 में अपने सदस्य देशों के आधिकारिक भंडार के पूरक के रूप में निर्मित किया गया था।
- SDR का मूल्य पांच मुद्राओं यथा- अमेरिकी डॉलर, यूरो, चीनी रेनमिंबी, जापानी येन और ब्रिटिश पाउंड स्टलिंग पर आधारित है।
- यह न तो मुद्रा है और न ही IMF पर किसी प्रकार का दावा है। यह IMF सदस्यों की स्वतंत्र रूप से प्रयोज्य मुद्राओं पर एक संभावित दावा है।
- इन मुद्राओं के लिए SDR का आदान-प्रदान किया जा सकता है।
- IMF के सदस्य देशों की मतदान शक्ति प्रत्यक्ष रूप से उनके कोटे से संबंधित है।
स्रोत – द हिन्दू