IMD ने हीट इंडेक्स रीडिंग जारी करने की घोषणा की
हाल ही में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने हीट इंडेक्स रीडिंग जारी करने की घोषणा की है। इससे इस बात का अनुमान लगाया जा सकेगा कि तापमान वास्तव में कैसा महसूस हो रहा है।
- अब तक IMD दिन का अधिकतम और न्यूनतम तापमान जारी करता रहा है । यह सूचकांक दिन की सापेक्ष आर्द्रता, पवन की गति, अधिकतम तापमान और बादलों के आच्छादन के आधार पर रीडिंग देगा।
- अपेक्षित हीट इंडेक्स के आधार पर अलग-अलग रंगों वाली चेतावनियां भी जारी की जाएंगी। इनमें चेतावनी के रंग के आधार पर लोगों द्वारा बरती जा सकने वाली सावधानियों की सूची भी होगी।
- हीट इंडेक्स की गणना से राज्यों को हीटवेव आकलन, पूर्वानुमान, तैयारी और उपशमन के लिए बेहतर हीट एक्शन प्लान (HAPs) तैयार करने में मदद मिलेगी ।
- किसी स्थल का अधिकतम तापमान यदि मैदानी क्षेत्र में कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी क्षेत्रों में कम से कम 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तो इसे हीट वेव कहा जाता है।
- हाल ही में, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) ने सभी राज्यों के HAPs के आकलन में निम्नलिखित सीमाओं को रेखांकित किया है:
- HAPs के निर्माण में उमस (Humid) युक्त गर्मी की अवधि पर विचार नहीं किया जा रहा है । अधिकतर HAPs स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल नहीं बनाए गए हैं। खतरे को लेकर एक अति – सरलीकृत दृष्टिकोण अपनाया गया है । HAPs सुभेद्य समूहों की पहचान करने में विफल रहे हैं।
HAPs पर सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च द्वारा की गई अनुशंसाएं
- जलवायु संबंधी अनुमानों को शामिल किया जाना चाहिए और गर्मी के खतरे की परिभाषा का स्थानीयकरण करना चाहिए।
- सुभेद्यता आकलन और समग्र जोखिम आकलन को शामिल करना चाहिए ।
- राज्य के भीतर और राज्यों के बीच ज्ञान एवं सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए एक तंत्र बनाना चाहिए ।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस