वन्यजीवों के अवैध व्यापार तथा जलवायु परिवर्तन पर एक रिपोर्ट जारी

वन्यजीवों के अवैध व्यापार तथा जलवायु परिवर्तन पर एक रिपोर्ट जारी

हाल ही में मादक पदार्थों और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC) ने वन्यजीवों के अवैध व्यापार तथा जलवायु परिवर्तन पर एक रिपोर्ट जारी की है।

यह रिपोर्ट अवैध वन्यजीव व्यापार के पारिस्थितिकी तंत्र की कार्यप्रणाली और जलवायु को प्रभावित करने वाली प्रक्रियाओं पर पड़ने वाले व्यापक प्रभावों को रेखांकित करती है।

यह अवैध वन्यजीव व्यापार और जलवायु परिवर्तन के बीच निम्नलिखित पांच प्रकार के संबंधों का वर्णन करती है-

कार्बन का भंडारण करने वाली बड़े आकार की प्रजातियां : वनों से इमारती लकड़ी प्रदान करने वाली मजबूत वृक्ष प्रजातियों को हटाने से दीर्घकालिक कार्बन प्रच्छादन (Sequestration) रुक जाता है,मृदा कार्बन प्रभावित होती है और वन नवीनीकरण प्रक्रिया सीमित हो जाती है।

कार्बन प्रच्छादन- इसके तहत कार्बन को वातावरण से हटा कर उसे ठोस अथवा द्रव रूप में संग्रहित किया जाता है।

पारिस्थितिकी तंत्र में एक इंजीनियर की भूमिका: अवैध वन्यजीव व्यापार का शिकार हो रही कई वन्यजीव प्रजातियां पारिस्थितिकी तंत्र में इंजीनियर की भूमिका निभाती हैं। ये ऐसी प्रजातियां हैं, जो अपने पर्यावरण में समय-समय पर व्यापक बदलाव लाती रहती हैं।

वशेष कार्यात्मक लक्षणों वाली प्रजातियां: ऐसी प्रजातियां, पारिस्थितिक तंत्र सेवा आपूर्ति को अधिक तेज़ी से संतुलित करती हैं। जैसे— पैंगोलिन कीटों की आबादी को नियंत्रित करते हैं।

जैव विविधता और पारिस्थितिकी – तंत्र सेवाओं की सह-अवस्थिति: अवैध वन्यजीव व्यापार से अत्यधिक प्रभावित पर्यावास, भौगोलिक रूप से उन स्थलों को भी प्रभावित कर सकते हैं जो कार्बन भंडारण करने के अलावा महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं प्रदान करते हैं।

कमजोर गवर्नेस: अवैध वन्यजीव व्यापार कमजोर निगरानी और प्रवर्तन व्यवस्था, संगठित अपराध पर नियंत्रण का अभाव आदि से जुड़े कमजोर पर्यावरणीय गवर्नेस को भी उजागर करता है।

UNODC, नशीले पदार्थों के अवैध उपयोग और अंतर्राष्ट्रीय अपराध की समस्या को संबोधित करने वाला मुख्य वैश्विक संगठन है।

इसे सदस्य देशों को नशीले पदार्थों के अवैध उपयोग, अपराध और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाइयों में सहायता करने का कार्य सौंपा गया है।

ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC)

इसकी स्थापना वर्ष 1997 में हुई थी और वर्ष 2002 में इसे ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC) के रूप में नामित किया गया था।

इसकी स्थापना यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल ड्रग्स कंट्रोल प्रोग्राम (UNDCP) तथा संयुक्त राष्ट्र में अपराध निवारण और आपराधिक न्याय विभाग (Crime Prevention and Criminal Justice Division- CPCJD) के संयोजन में की गई थी और यह ड्रग कंट्रोल एवं अपराध रोकथाम की दिशा में कार्य करता है।

स्रोत – द हिन्दू

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