एशियाई विकास बैंक द्वारा जलवायु के लिए अभिनव वित्त सुविधा (IF-CAP) की घोषणा
हाल ही में एशियाई विकास बैंक (ADB) ने “एशिया और प्रशांत क्षेत्र में जलवायु के लिए अभिनव वित्त सुविधा” (IF-CAP) की घोषणा की है।
- IF–CAP एक बहु-दाता वित्त पोषण साझेदारी सुविधा है। इसका उद्देश्य एशिया और प्रशांत क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के लिए वित्त पोषण को बढ़ाना है।
- IF-CAP एशियाई विकास बैंक (ADB) का एक प्रमुख कार्यक्रम है । इस कार्यक्रम के शुरुआती साझेदार देशों में डेनमार्क, जापान, कोरिया गणराज्य, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
- पहली बार किसी बहुपक्षीय विकास बैंक ने इस तरह का कार्यक्रम शुरू किया है।
IF-CAP की आवश्यकता क्यों है ?
- एशिया और प्रशांत क्षेत्र को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों (जैसे- चक्रवात, सूखा, हीट वेव्स, बाढ़ और समुद्र के जलस्तर में वृद्धि) से अधिक खतरा है।
- जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए जरूरी जलवायु वित्त-पोषण में अधिक अंतराल है।
IF-CAP के लाभ –
- गुणक प्रभाव: प्रत्येक 1 डॉलर के वित-पोषण की गारंटी होने पर, ADB इसे बढ़ाकर 5 डॉलर तक पहुंचा सकता है। इससे जलवायु वित्त पोषण में कमी को बहुत हद तक पूरा किया जा सकेगा ।
- इस वित्त- पोषण सुविधा से एशिया और प्रशांत क्षेत्र के सुभेद्य देशों को उनके शमन व अनुकूलन लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
- यह पहल 2019–2030 के मध्य जलवायु वित्त के रूप में 100 बिलियन डॉलर जुटाने के ADB के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।
जलवायु वित्त पोषण के अन्य प्रमुख तंत्र निम्नलिखित हैं-
- वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF),
- हरित जलवायु कोष (GCF),
- अनुकूलन कोष, हानि और क्षति कोष आदि ।
एशियाई विकास बैंक (ADB)
ADB की स्थापना 1966 में की गई थी इसका मुख्यालय मनीला (फिलीपींस) में है । इसकी स्थापना के लिए 1963 में एशियाई आर्थिक सहयोग पर प्रथम मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में एक संकल्प अपनाया गया था। यह सम्मेलन एशिया और सुदूर पूर्व के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग ने आयोजित किया था ।
उद्देश्य:
एशिया में आर्थिक संवृद्धि और सहयोग को बढ़ावा देना तथा चरम गरीबी का उन्मूलन करना है। इस उद्देश्य की पूर्ती के लिए यह ऋण, तकनीकी सहायता, अनुदान और इक्विटी निवेश उपलब्ध करवाता है ।
- इसके कुल 68 सदस्यों में भारत भी इसका सदस्य है ।
- इसका सर्वोच्च नीति-निर्माता निकाय बोर्ड ऑफ गवर्नर्स है। इसमें प्रत्येक सदस्य देश का एक प्रतिनिधि शामिल होता है ।
- ADB के पांच सबसे बड़े शेयरधारक देश (क्रम से) हैं: जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना, भारत और ऑस्ट्रेलिया ।
स्रोत – द हिंदू