अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) का गिरफ्तारी वारंट
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने की संभावना को देखते हुए मेजबान देश दक्षिण अफ्रीका कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है।
- अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने पुतिन को युद्ध अपराध का दोषी माना है, और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया हुआ है।
- दक्षिण अफ्रीका ICC का सदस्य है। ऐसे में उसकी जमीन पर रूसी राष्ट्रपति के उपस्थित होने पर उसे सैद्धांतिक रूप से उन्हें गिरफ्तार करना होगा ।
- रोम संविधि (Rome Statute) के पक्षकार देशों के लिए ICC के साथ सहयोग करना कानूनी बाध्यता है।
ICC के बारे में
- इसका मुख्यालय हेग (नीदरलैंड) में स्थित है।
- यह नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराध, युद्ध अपराध और आक्रामकता जैसे गंभीर अंतर्राष्ट्रीय अपराधों के आरोपी व्यक्तियों की जांच करने तथा उन पर अभियोजन चलाने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय है।
- इसे 1998 में अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय की रोम संविधि द्वारा स्थापित किया गया था।
- यह केवल 1 जुलाई, 2002 के बाद किए गए अपराधों पर ही अभियोजन चला सकता है, क्योंकि रोम संविधि इसी दिन से लागू हुई थी ।
- ICC के पास अपना पुलिस बल नहीं है। ऐसे में अभियुक्तों की गिरफ्तारी और उनके आत्मसमर्पण के लिए अलग-अलग देशों का सहयोग आवश्यक हो जाता है। रोम संविधि के 123 देश पक्षकार हैं।
- वे देश, जिन्होंने अभी तक संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं: भारत, चीन, इराक, उत्तर कोरिया,सऊदी अरब, तुर्की आदि ।
- वे देश, जिन्होंने संधि पर हस्ताक्षर किए हैं लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की है: मिस्र, ईरान, इजराइल, रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका आदि ।
ICC के समक्ष मामले कैसे लाए जाते हैं ?
- इसके पक्षकार देश अपने संप्रभु क्षेत्र के भीतर के किसी मामले को न्यायालय को अभियोजन के लिए सौंप सकते हैं।
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद किसी मामले को ICC को सौंप सकती है। ऐसी स्थिति में संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों को सहयोग करना आवश्यक हो जाता है, भले ही वह रोम संविधि का पक्षकार हो या नहीं ।
- अभियोजक अपने उस सदस्य देश में घटित मामले की जांच शुरू कर सकता है।
स्रोत – द इकोनॉमिक्स टाइम्स