भारत–ब्राजील–दक्षिण अफ्रीका संवाद मंच (IBSA)
हाल ही में 10वीं भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका संवाद मंच (IBSA)-त्रिपक्षीय मंत्रिस्तरीय आयोग (ITMC) की बैठक आयोजित की गई है ।
- विदेश मंत्री स्तरीय ITMC की बैठक न्यूयॉर्क में आयोजित की गई थी। भारत के विदेश मंत्री ने इसकी अध्यक्षता की।
- विदेश मंत्रियों ने IBSA सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा की। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार, आतंकवाद का मुकाबला आदि जैसे वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।
- साथ ही अफ्रीकी संघ, मध्य पूर्व में शांति प्रक्रिया और यूक्रेन युद्ध जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की है ।
IBSA के बारे में
- वर्ष 2003 में ब्रासीलिया घोषणा-पत्र के माध्यम से IBSA या G-3 समूह को औपचारिक रूप दिया गया था, तथा इसे IBSA संवाद मंच’ का नाम दिया गया था।
- इसके तीनों सदस्य लोकतांत्रिक देश हैं और तीन अलग-अलग महाद्वीपों की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं।
- ये तीनों देश समान चुनौतियों का भी सामना कर रहे हैं।
- यह दक्षिण-दक्षिण सहयोग (SSC) की भावना पर आधारित है। विकासशील देशों के बीच सहयोग को ‘दक्षिण-दक्षिण सहयोग’ कहा जाता है।
- भारत नवंबर 2022 में G20 शिखर सम्मेलन के साथ छठे IBSA शिखर सम्मेलन की भी मेजबानी करेगा।
IBSA के तहत प्रमुख पहले–
- विकासशील देशों में मांग के आधार पर गरीबी और भुखमरी उन्मूलन के लिए IBSA फंड की स्थापना की गई है।
- परिवहन, स्वास्थ्य, शिक्षा, रक्षा, विज्ञान व प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में सहयोग के लिए 14 संयुक्त कार्य समूह गठित किए गए हैं।
- वर्ष 2005 में IBSA व्यवसाय मंच लॉन्च किया गया था। इसमें भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) भारत की भागीदारी का समन्वय करता है।
- दक्षिण-दक्षिण सहयोग (SSC) का उल्लेख, वैश्विक दक्षिण में स्थित देशों के बीच विकास संबंधी मुद्दों के समाधान में विचारों के आदान-प्रदान और साझाकरण के रूप में किया जाता है।
- “उत्तर” व “दक्षिण” के विभाजन का उपयोग विकसित देशों (उत्तर) और विकासशील देशों (दक्षिण) के बीच मौजूद सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक भिन्नताओं का उल्लेख करने के लिए भी किया जाता है।
- हालांकि, किसी देश को स्थान के आधार पर उत्तर या दक्षिण के रूप में परिभाषित नहीं किया जाता है. बल्कि आर्थिक कारकों और उनकी आबादी के जीवन की गुणवत्ता के आधार पर परिभाषित किया जाता है।
स्रोत –द हिन्दू