यूपीएससी मेन्स सिलेबस (UPSC Mains Syllabus in Hindi)

एक बार जब आप प्रीलिम्स क्वालिफाई कर लेते है, तो अगला चरण जो सबसे कठिन होता है, वह मुख्य परीक्षा हैं सिविल सेवा परीक्षा के नवीनतम पैटर्न के अनुसार, मुख्य परीक्षा में शामिल हैं  4 जीएस पेपर + 2 वैकल्पिक पेपर + 1 निबंध पेपर + 2 क्वालिफाइंग- (भाषा के पेपर) अर्थात कुल 9 पेपर होते है

यूपीएससी मेन्स सिलेबस UPSC Mains Syllabus in Hindi के हर पहलू को कवर करने वाली सबसे व्यापक और गहन सामग्री के साथ, हमें विश्वास है कि आप हमारे लेख को अपनी परीक्षा की तैयारी के लिए एक मूल्यवान संसाधन पाएंगे। यहां दी गई अंतर्दृष्टि, युक्तियां और रणनीतियां निस्संदेह आपको आगे बढ़ने और सिविल सेवक बनने के अपने सपने को हासिल करने में मदद करेंगी। याद रखें, निरंतर प्रयास, समर्पण और एक अच्छी तरह से संरचित दृष्टिकोण यूपीएससी मुख्य परीक्षा में सफल होने की कुंजी हैं। UPSC मेन्स सिलेबस (UPSC Mains Syllabus in Hindi) पर नीचे चर्चा की गई है

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प्रत्येक विषय और नामों के मुख्य विभाजन हैं :- 

पेपर 1निबंध (250 अंक)

पेपर 2सामान्य अध्ययन 1:  (250 अंक)

  • इस प्रश्न पत्र में भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल तथा समाज से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं

पेपर 3सामान्य अध्ययन 2: (250 अंक)

  • इस प्रश्न पत्र में शासन व्यवस्था, संविधान, राजव्यवस्था, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं

पेपर 4सामान्य अध्ययन : 3 (250 अंक)

  •  इस प्रश्न पत्र में प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव-विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा- प्रबंधन से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं

पेपर 5सामान्य अध्ययन : 4 (250 अंक)

  • इस प्रश्न पत्र में नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिवृत्ति से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं

पेपर 6वैकल्पिक :1 (250 अंक)

पेपर 7वैकल्पिक :2 (250 अंक)

पेपर 8 क्वालिफाइंग-1  अंग्रेज़ी भाषा (300 अंक)

पेपर 9 क्वालिफाइंग-1  हिंदी भाषा (300 अंक)

मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र - 1

भारतीय विरासत और संस्कृति, इतिहास और विश्व का भूगोल

इतिहास

  • भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे
  • 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व और विषय।
  • स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान।
  • स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन।

विश्व का इतिहास

विश्व के इतिहास में 18वीं सदी तथा बाद की घटनाएँ यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनःसीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे।

भारतीय समाज

  • भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएँ, भारत की विविधता।
  • महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या एवं संबद्ध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय।
  • भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण का प्रभाव।
  • सामाजिक सशक्तीकरण, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता।

भूगोल

  • विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ
  • विश्व भर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए), विश्व (भारत सहित) के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिये ज़िम्मेदार कारक।
  • भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ, भौगोलिक विशेषताएँ और उनके स्थान- अति महत्त्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताओं (जलस्रोत और हिमावरण सहित) एवं वनस्पति तथा प्राणिजगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव

मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र - 2

गवर्नेंस, संविधान, राजव्यवस्था, सामाजिक न्याय और अंतर्राष्ट्रीय संबंध

संविधान एवं राजनीति

  • भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्त्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
  • संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।
  • विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान।
  • भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना।
  • संसद और राज्य विधायिका- संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियाँ एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय।
  • कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य- सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका।
  • जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ
  • विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति,विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियाँ, कार्य और उत्तरदायित्व
  • सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्द्ध-न्यायिक निकाय।

गवर्नेंस

  • सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय 
  • विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग- गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, दानकर्त्ताओं, लोकोपकारी  संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका
  • केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।
  • स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
  • गरीबी एवं भूख से संबंधित विषय।
  • शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ; नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय।
  • लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका।

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

  • भारत एवं इसके पड़ोसी- संबंध।
  • द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह तथा भारत से संबंधित /अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
  • भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय
  • महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश।

मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र - 3

प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन

आर्थिक विकास

  • भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।
  • समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय
  • सरकारी बजट
  • उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव।
  • बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि
  • निवेश मॉडल

कृषि

  • मुख्य फसलें- देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न- सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली- कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएँ; किसानों की सहायता के लिये ई-प्रौद्योगिकी।
  • प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय; जन वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्य, सीमाएँ, सुधार; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन; पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र।
  • भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग- भविष्य एवं महत्त्व, स्थान, ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएँ, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन
    भारत में भूमि सुधार

प्रौद्योगिकी

  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं इसके अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास
  • सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के क्षेत्र में जागरुकता

पर्यावरण

  • संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन.

आपदा प्रबंधन

  • आपदा और आपदा प्रबंधन.

आंतरिक और बाह्य सुरक्षा

  • विकास और फैलते उग्रवाद के बीच संबंध
  • आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौती उत्पन्न करने वाले बाहरी शासन विरोधी तत्त्वों की भूमिका
  • संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन-शोधन और इसे रोकना
  • सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन- संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध
  • विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएँ तथा उनके अधिदेश

मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र - 4

नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि

नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंध

  • मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्त्व, इसके निर्धारक और परिणाम; नीतिशास्त्र के आयाम; निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र,
  • मानवीय मूल्य- महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा; मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका।

अभिवृत्ति

  • सारांश (कंटेन्ट), संरचना, वृत्ति; विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध; नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि; सामाजिक प्रभाव और धारण।
  • सिविल सेवा के लिये अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य- सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर-तरफदारी, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमज़ोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना।

भावनात्मक समझ

  • अवधारणाएँ तथा प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनके उपयोग और प्रयोग।
  • भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान।

लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा

लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; उत्तरदायित्व तथा नैतिक शासन, शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण; अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कॉरपोरेट शासन व्यवस्था।

शासन व्यवस्था में ईमानदारी

लोक सेवा की अवधारणा; शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ।

केस स्टडीज़

उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडीज़)

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