‘हाइब्रिड या पार्ट टाइम आतंकवादी’

हाइब्रिड या पार्ट टाइम आतंकवादी

हाल ही में ‘हाइब्रिड या पार्ट टाइम आतंकवादी’ जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के समक्ष एक नई चुनौती के रूप में उभरे हैं।

कश्मीर घाटी में आतंकी हमलों में वृद्धि दर्ज की गई है। ये हमले पार्ट टाइम या हाइब्रिड आतंकियों द्वारा किए जा रहे।

हाइब्रिड आतंकवादियों के बारे में

  • वे सुरक्षा बलों की आतंकी सूची में शामिल नहीं हैं,लेकिन वे आतंकवादियों के संपर्क में हैं।
  • हाइब्रिड आतंकवादी आसपास का कोई ऐसा लड़का हो सकता है, जिसे आतंकवादी घटना को अंजाम देने के लिए कट्टरपंथियों ने तैयार किया है और उसे स्टैंड बाय मोड पर रखा गया है।
  • वह उसे सौंपे गए कार्य को संपन्न करता है और फिर अपने सरदार से अगले कार्य के मिलने की प्रतीक्षा करता है। इस बीच, वह सामान्य कामकाज करते हुए आम लोगों की तरह जीवन व्यतीत करता है।
  • ऐसे आतंकी आतंक और डर का माहौल बनाने के लिए ‘पिस्तौल व ग्रेनेड’ जैसे हथियारों का इस्तेमाल करते हैं।

हाइब्रिड आतंकवाद से उत्पन्न चुनौतियां:

  • सुरक्षा बल पूर्ण आतंकवादियों या ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) को ट्रैक करते हैं। पार्ट टाइम या हाइब्रिड आतंकवादियों की पहचान करने और उन्हें ट्रैक करने में कठिनाई होती है। इसका कारण यह कि वे सामान्य लोगों की भांति कामकाजी व्यक्ति होते हैं।
  • उग्रवादियों या आतंकवादियों को रसद सहायता, नकदी, आवास और अन्य सुविधाएं प्रदान करने वाले व्यक्तियों को OGWs कहा जाता है।
  • उन्हें गिरफ्तार करना, रोकना या मुठभेड़ों में उन्हें मारना कठिन होता है।
  • सुरक्षा बल ऐसे लोगों की पहचान के लिए तकनीकी उपकरणों और साइबर निगरानी का सहारा ले रहे हैं।

स्रोत द हिन्दू

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