HSN-कोड और सेवा लेखा कोड (SAC)की अनिवार्यता
HSN-कोड और सेवा लेखा कोड (SAC)की अनिवार्यता
हाल ही में वित्त मंत्रालय ने घोषणा की है कि, 5 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाले GST करदाताओं के लिए 6 अंकीय HSN (हार्मोनाइज्ड सिस्टम ऑफ नोमेनक्लेचर) कोड औरSAC (सर्विस अकाउंटिंग कोड) को अनिवार्य बनाया गया है।
HSN- कोड क्या है?
- एचएसएन का मतलब नामकरण कूट के सुसंगतप्रणाली से है। यह 1988 में विश्व सीमा शुल्क संगठन (WCO) द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
- उद्योग वर्गीकरण प्रणालियों में, सुसंगतप्रणाली (एचएस) कोड, आमतौर पर “वस्तुओं” के निर्यात प्रक्रिया में उपयोग किया जाता है।
- HSN कोड में 21 खंड हैं। इन्हें 99 अध्यायों में विभाजित किया गया है जो 1244 खंडों में विभाजित हैं।
- भारत, कस्टम और सेंट्रल एक्साइज के लिए वस्तुओं को वर्गीकृत करने के लिए 1986 से एचएसएन कोड का उपयोग कर रहा है।
- विश्व भर में, उत्पादों के शुल्क और करों का आकलन तथा इससे सम्बंधित आंकड़े इकट्ठा करने के लिए, सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा इसका प्रयोग किया जाता है ।
सेवा लेखा कोड (SAC) क्या है?
- SAC कोड, सेवा लेखांकन से सम्बंधित है।
- यह जीएसटी के तहत प्रत्येक सेवा को वर्गीकृत करने के लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) द्वारा जारी किया जाता है।
एचएसएन कोड के लाभ:
- यह सार्वभौमिक रूप से एक साथ काम करने की अधिक सरलता प्रदान करता है।
- यह देश भर में, सीमा शुल्क और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क के लिए, वस्तुओं की विशेषता बताने में मदद करता है।
- यह विश्व में सभी जगह एक समान कर का निर्धारण करने में सहायता करता है।
स्त्रोत: द इकोनोमिक टाइम्स
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