हीट एक्शन प्लान हाइलाइट्स 2022 रिपोर्ट
हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, भारतीय शहरों व जिलों को हीट स्ट्रेस से सुभेद्य लोगों की रक्षा के लिए तैयार रहना चाहिए ।
“एक्सपैंडिंग हीट रेसिलिएंस अक्रॉस इंडियाः हीट एक्शन प्लान हाइलाइट्स 2022” रिपोर्ट में शहरों और जिलों को सुभेद्य लोगों की सुरक्षा के प्रयासों में तेजी लाने के लिए कहा गया है।
यह रिपोर्ट, भारत के मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और अन्य एजेंसियों के सहयोग से नेचुरल रिसोर्सेज डिफेन्स काउंसिल ने तैयार की है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष:
- गर्म मौसम भारत और विश्व के अन्य हिस्सों में सुभेद्य समुदायों के लिए एक प्रमुख स्वास्थ्य खतरा है।
- हीट स्ट्रेस, जैसे कि शारीरिक बीमारियां और उच्च तापमान एवं अक्सर आर्द्रता के संपर्क में आने के कारण जो लक्षण पैदा होते हैं, उनसे विश्व भर में 6.8 करोड़ लोग प्रभावित होते हैं।
- भारत में, पश्चिम-मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में हीट वेव की अधिक आशंका बनी रहती है।
हीट एक्शन प्लान (HAPS) समुदायों की रक्षा करने और चरम गर्मी से लोगों की जान बचाने के लिए आवश्यक है। वर्ष 2013 में अहमदाबाद, हीट एक्शन प्लान बनाने वाला भारत और दक्षिण एशिया का पहला शहर बना था। भारत का मौसम विज्ञान विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) वर्ष 2019 में पहचाने गए 23 हीट वेव प्रवण (Prons) राज्यों के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं।
इसका उद्देश्य हीट एक्शन प्लान विकसित करना है। हीट अलर्ट जारी करने के लिए कलर कोड सिग्नल विकसित किए गए हैं। इसी अनुरूप कार्रवाई की जानी होती है।
कलर कोड सिग्नल एवं संबंधित कार्रवाई इस प्रकार हैं:
- ग्रीन अलर्टः कोई कार्रवाई नहीं,
- येलो अलर्टः अपडेटेड जानकारी प्रदान करना,
- ऑरेंज अलर्टः कार्रवाई के लिए तैयार रहना, तथा
- रेड अलर्टः कार्रवाई करना।
हीट एक्शन प्लान (HAP) के प्रमुख तत्व निम्नलिखित हैं:
- जन जागरूकता के निर्माण के लिए सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम आयोजित करना।
- निवासियों को सचेत करने और अलग-अलग एजेंसियों के बीच समन्वय के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली। स्वास्थ्य पेशेवरों के बीच क्षमता निर्माण।
- किसानों, निर्माण श्रमिकों और यातायात पुलिस जैसे सुभेद्य समूहों को केंद्र में रखना।
- अनुकूलन उपायों को लागू करना।
स्रोत –द हिन्दू