ग्रीन हाइड्रोजन/ग्रीन अमोनिया नीति अधिसूचित
हाल ही में विद्युत मंत्रालय ने ग्रीन हाइड्रोजन/ग्रीन अमोनिया नीति अधिसूचित की है ।
भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधान मंत्री ने राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की घोषणा की थी। इस मिशन का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 5 मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करना है। इसी आलोक में यह नीति अधिसूचित की गयी है।
ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया से आशय:
हाइड्रोजन और अमोनिया आधारित इंधनों का उत्पादन करना है। यह उत्पादन अक्षय ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त विद्युत का उपयोग करके किया जाता है।
नीति की मुख्य विशेषताएं
- ग्रीन हाइड्रोजन/अमोनिया विनिर्माता विद्युत एक्सचेंज से अक्षय ऊर्जा खरीद सकते हैं। इसके अलावा, वे स्वयं भी अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता स्थापित कर सकते हैं।
- हाइड्रोजन/अमोनिया विनिर्माताओं को अक्षय ऊर्जा खरीद दायित्व (Renewable Purchase Obligation: RPO) का लाभ दिया जाएगा।
- चयनित विनिर्माताओं को 25 वर्षों की अवधि के लिए अंतर-राज्यीय पारेषण शुल्कों में छूट दी जाएगी।
- विनिर्माताओं और अक्षय ऊर्जा संयंत्रों को प्राथमिकता के आधार पर ग्रिड से जोड़ा जाएगा।
- विनिर्माताओं को बंदरगाहों के पास बंकर स्थापित करने की अनुमति प्रदान की जाएगी। इससे वे निर्यात करने या पोत परिवहन के लिए उपयोग हेतु ग्रीन अमोनिया का भंडारण कर सकेंगे।
- वैधानिक मंजूरी सहित सभी गतिविधियों को पूरा करने के लिए एकल पोर्टल स्थापित किया जाएगा।
ग्रीन हाइड्रोजन/ग्रीन अमोनिया नीति का महत्वः
- लोगों को स्वच्छ ईंधन प्रदान करना, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना,कच्चे तेल के आयात को कम करना,
- भारत को ग्रीन हाइड्रोजन/ग्रीन अमोनिया के लिए निर्यात ।
- केंद्र के रूप में उभरने में मदद करना आदि।
स्रोत –द हिन्दू