ग्रेटर मालदीव रिज (GMR) का विवर्तनिक विकास पर अध्ययन
हाल ही में ग्रेटर मालदीव रिज (GMR) के विवर्तनिक विकास पर अध्ययन किया गया इसमें ग्रेटर मालदीव रिज (GMR) के विवर्तनिक विकास और उसकी प्रकृति की जानकारी मिली है।
- इस जानकारी ने जिसने गोंडवानालैंड के विखंडन और विस्तार पर प्रकाश डाला है।
- GMR एक अमूकंपी कटक (Aseismic Ridge) है। यह भूकंपीय गतिविधियों से संबंधित नहीं है। यह भारत के दक्षिण-पश्चिम में पश्चिमी हिंद महासागर में स्थित है।
- इस अध्ययन के अनुसार GMR के समुद्री क्रस्ट के नीचे होने की संभावना है। साथ ही, यह भी रेखांकित किया गया है कि मालदीव रिज, मध्य महासागरीय कटक के निकट के क्षेत्र में निर्मित हो सकता
- मध्य–महासागरीय कटक तंत्र जल के भीतर ज्वालामुखियों की एक सतत श्रृंखला है। यह विश्व के लगभग 65,000 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में विस्तारित है।
अध्ययन का महत्व
- यह अध्ययन महासागरीय बेसिनों के विकास को समझने की दिशा में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।
- यह मूल गोंडवानालैंड के विखंडन और विस्तार की प्रक्रिया को समझने में मदद कर सकता है। उल्लेखनीय है कि महाद्वीपों, महाद्वीपीय खंडों आदि की वर्तमान संरचना गोंडवानालैंड के विखंडन और विस्तार का ही परिणाम है।
विवर्तनिक प्लेटों के माध्यम से कटकों के निर्माण के बारे में
- प्लेट विवर्तनिकी में, पृथ्वी की सबसे बाहरी परत या स्थलमंडल (लिथोस्फीयर) का निर्माण क्रस्ट और ऊपरी मेंटल से होता है। यह परत विवर्तनिक प्लेट नामक बड़ी चट्टानी प्लेटों में विभाजित है।
- संवहनीय धाराओं के कारण दुर्बलता मंडल (एस्थेनोस्फीयर) में विवर्तनिक प्लेटें एक दूसरे के सापेक्ष गति करती हैं।
- कटक, अपसारी (divergent) प्लेट सीमाओं के साथ-साथ निर्मित होते हैं। इन स्थानों पर पृथ्वी की विवर्तनिक प्लेटों के अलग-अलग फैलते ही नए महासागरीय तल का निर्माण होता है।
स्रोत –द हिन्दू