ग्रेट इंडियन बस्टर्ड

ग्रेट इंडियन बस्टर्ड  की बिजली के तारों से होने वाली दुर्घटनाओं के चलते हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के पर्यावास (हैबिटैट) में बिजली के तारों पर अपडेट मांगा है।

  • विदित हो कि अप्रैल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान और गुजरात की बिजली कंपनियों को हाईटेंशन विद्युत तारों को अंडरग्राउंड करने का आदेश दिया था, ताकि ग्रेट इंडियन बस्टर्ड को बिजली के तारों में उलझने से बचाया जा सके।
  • इस कार्य की व्यावहारिकता की जांच के लिए तीन सदस्यों वाली एक उच्च स्तरीय समिति का भी गठन किया गया था।
  • अब सुप्रीम कोर्ट ने इस समिति को अगले तीन सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
  • हालांकि, केंद्र और राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के अप्रैल 2021 के आदेश पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि इस आदेश को लागू करना व्यावहारिक नहीं है इनका तक था कि इसमें सुरक्षा सुविधा उच्च खतरे में है और इसे लागू करने में लागत भी अधिक आएगी।
  • यह भी तर्क दिया गया था कि इस आदेश को लागू करने से भारत में बिजली क्षेत्र पर व्यापक प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही, जीवाश्म ईंधन से नवीकरणीय ऊर्जा की ओर ट्रांजीशन के प्रयास भी प्रभावित होंगे।
  • ज्ञातव्य है कि ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के पर्यावास वाले इलाकों में शामिल अधिकतर क्षेत्र नवीकरणीय ऊर्जा के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।

ग्रेट इंडियन बस्टर्ड कुछ अन्य खतरों का भी सामना कर रहे हैं, जो निम्नलिखित हैं:

शिकार ,पर्यावास की क्षति, ग्रीनिंग प्रोजेक्ट्स (हरितीकरण परियोजनाएं), जिसके तहत शुष्क घास के मैदानों को वन क्षेत्रों में बदला जा रहा है,  शिकारियों द्वारा इनके अण्डों का शिकार, आदि।

ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के संरक्षण के लिए उठाए गए कदमः

  • इस प्रजाति को स्पीशीज फॉर रिकवरी प्रोग्राम में शामिल किया गया है। इस कार्यक्रम की शुरूआत पर्यावरण और वन मंत्रालय के इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ वाइल्डलाइफ हैबिटैट के तहत की गयी है।
  • इसे राष्ट्रीय वन्यजीव कार्य योजना (2002-2016) के तहत भी शामिल किया गया है।

ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (GIB) के बारे में:

  • इसके पर्यावास में शामिल हैं- शुष्क और अर्ध-शुष्क घास के मैदान, कांटेदार झाड़ियों वाला खुला क्षेत्र, लंबे घासों से युक्त कृषि भूमि क्षेत्र।
  • ग्रेट इंडियन बस्टस सिंचाई वाले इलाकों में जाने से बचते हैं। राजस्थान में इस प्रजाति की संख्या सबसे अधिक है। यह भारतीय उपमहाद्वीप की स्थानिक (endemic) प्रजाति है।
  • IUCN में इसकी स्थिति क्रिटिकली एंडेंजर्ड वाली है ।

प्रमुख स्थलः डेजर्ट नेशनल पार्क (राजस्थान), नलिया (गुजरात), वरोरा (महाराष्ट्र), बेल्लारी (कर्नाटक), आदि।

स्रोत –द हिन्दू

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