उर्वरकों पर सब्सिडी बढ़ाएगी सरकार
हाल ही में सरकार किसानों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करने हेतु उर्वरकों पर सब्सिडी बढ़ाएगी।
एक अंतर-मंत्रालयी समिति ने खरीफ मौसम 2022 के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम और सल्फर जैसे पोषक तत्वों हेतु पोषक तत्व आधारित सब्सिडी दरों में संशोधन की सिफारिश की है।
सब्सिडी में संशोधन की सिफारिश इस वर्ष विशेष मामले के तहत मार्च 2022 में उर्वरकों की औसत अंतर्राष्ट्रीय कीमतों के आधार पर की गयी है।
अप्रैल 2021 की तुलना में अप्रैल 2022 में, यूरिया की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में 145% की वृद्धि हुई है।
पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में DAP (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) की कीमतों में 66% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि MOP (म्यूरेट ऑफ पोटाश) की कीमतों में 116 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
केंद्रीय बजट 2022-23 में, सरकार ने उर्वरक सब्सिडी के लिए 1.09 लाख करोड़ रुपये की संयुक्त राशि आवंटित की है। इसमें फॉस्फेटिक और पोटैशिक (P&K ) उर्वरक के लिए 42,000 करोड़ रुपये, तथा यूरिया के लिए 67,187 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं। यह राशि पिछले वर्ष के 1.62 लाख करोड़ रुपये के बजट आवंटन से कम है ।
उर्वरकों के मूल्य में वृद्धि के कारण:
- कच्चे माल जैसे कि अमोनिया और फॉस्फोरिक एसिड की कीमतों में वृद्धि हुई है;
- रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण ईंधन मूल्यों (तेल और गैस की कीमतों) में बढ़ोतरी हुई है;
- DAP आदि पर चीन द्वारा सख्त निर्यात नियंत्रण के कारण विश्व बाजार में तैयार उत्पादों में कमी आयी है इत्यादि।
उर्वरक सब्सिडी में वृद्धि का महत्व
- किसानों को राहत मिलेगी।
- आयातकों द्वारा समझौते करने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण
- खाद्य मुद्रास्फीति की चिंता को कम करने में मदद मिलेगी।
भारत का उर्वरक आयात:
भारत अपनी खपत का लगभग 25% यूरिया, लगभग 95% फॉस्फेट तथा लगभग 100% पोटाश उर्वरक का आयात करता है।
स्रोत – द हिंदू