ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GPAI)

ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GPAI

हाल ही में भारत ने फ्रांस से ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GPAI) की अध्यक्षता ग्रहण की है।

GPAI एक बहु- हितधारक अंतर्राष्ट्रीय पहल है। इसे 15 जून, 2020 को लॉन्च किया गया था।

इसका उद्देश्य मानवाधिकारों, मौलिक स्वतंत्रता और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के संगत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जिम्मेदारीपूर्ण विकास तथा उपयोग का मार्गदर्शन करना है।

यह पहल सिद्धांत और व्यवहार के बीच विद्यमान अंतराल को समाप्त करने का प्रयास करेगी। इसके लिए यह AI से संबंधित प्राथमिकताओं पर नए अनुसंधान और उपयोगी गतिविधियों का समर्थन करेगी।

वर्तमान में, GPAI के 25 सदस्य हैं। इनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी आदि शामिल हैं।

भारत वर्ष 2020 में इस समूह में संस्थापक सदस्य के रूप में शामिल हुआ था ।

GPAI की सदस्यता सभी देशों के लिए खुली है। इन देशों में उभरते और विकासशील देश भी शामिल हैं।

इसका सचिवालय आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) में स्थित है।

भरोसेमंद AI के जिम्मेदारीपूर्ण प्रबंधन के लिए निम्नलिखित सिद्धांत बनाए गए हैं:

समावेशी विकास, सतत विकास और बेहतरी,

मानव – केंद्रित मूल्य और निष्पक्षता,

पारदर्शिता और समझाने की क्षमता,

मजबूती, सुरक्षा और रक्षा, तथा जवाबदेही ।

AI द्वारा वर्ष 2035 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में 967 बिलियन डॉलर योगदान करने का अनुमान है।

यह वर्ष 2025 तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 450-500 बिलियन डॉलर तक का योगदान कर सकती है। यह देश के लक्षित 5 ट्रिलियन डॉलर GDP का 10 प्रतिशत है।

स्रोत – द हिन्दू

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