ग्लोबल ओशन ऑब्जर्वंग सिस्टम (GOOS) रिपोर्ट कार्ड, 2022
हाल ही में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने ग्लोबल ओशन ऑब्जर्वंग सिस्टम (GOOS) रिपोर्ट कार्ड, 2022 जारी किया है ।
यह रिपोर्ट वर्ष 2017 से प्रतिवर्ष जारी की जाती है। इसे यूनेस्को के अंतर-सरकारी महासागर विज्ञान आयोग (IOC-UNESCO) और GOOS के अन्य भागीदारों के साथ साझेदारी में जारी किया जाता है।
GOOS समुद्री और महासागरीय डेटा के पर्यवेक्षण, प्रतिरूपण (मॉडलिंग) तथा विश्लेषण के लिए एक स्थायी वैश्विक प्रणाली है।
इस रिपोर्ट ने पहली बार जैविक पर्यवेक्षणों पर प्रकाश डाला है और प्रणाली में निहित खामियों की पहचान है।
इस रिपोर्ट में हिंद, अटलांटिक और दक्षिणी महासागर जैसे महासागरों में परिचालन सेवाओं में असमानता को रेखांकित किया गया है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष –
- वायुमंडल में प्रतिवर्ष उत्सर्जित 40 गीगाटन कार्बन का 26% महासागर अवशोषित कर लेते हैं।
- 48% वायुमंडल में बना रहता है, जबकि शेष कार्बन स्थलीय जीवमंडल में समा जाता है।
- समुद्र में लगाए गए केवल 5% प्लेटफॉर्म ही जैव-भू-रासायनिक सेंसर से युक्त हैं। इनमें कार्बन डाइऑक्साइड सेंसर भी शामिल हैं।
- आर्गो प्रोफाइलिंग फ्लोट ऐरे कोविड महामारी से पहले की तुलना में 15% कम डेटा प्रदान कर रहा है।
मुख्य सिफारिशें–
- डेटा एकत्र करने की क्षमता को मजबूत करने के लिए निवेश की जरूरत है।
- FAIR डेटा तक पहुंच सुनिश्चित की जानी चाहिए। FAIR से आशय है: फाइंडेबिलिटी (F), एक्सेसिबिलिटी (A), इंटरऑपरेबिलिटी (1) और रि-यूजेबिलिटी (R)।
- समुद्र के बढ़ते स्तर के खतरे का सामना कर रहे समुदायों और तटीय क्षेत्रों के लिए पूर्व-चेतावनी प्रणालियां आवश्यक हैं।
- पादप प्लवकों (phytoplankton) द्वारा प्रदान की जाने वाली पारिस्थितिकी-तंत्र सेवाओं के पूर्वानुमान में सुधार करने की जरूरत है।
स्रोत –द हिन्दू