वैश्विक बहुआयामी निर्धनता सूचकांक ,2021
हाल ही में वर्ष 2021 का वैश्विक बहुआयामी निर्धनता सूचकांक (Multidimensional Poverty Index: MPI) जारी किया गया है।
इसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (United Nations Development Programme: UNDP) और ऑक्सफोर्ड निर्धनता एवं मानव विकास पहल (Oxford Poverty and Human Development Initiative) द्वारा जारी किया जाता है।
MPI, लोगों द्वारा उनके दैनिक जीवन में अनुभव किए गए विभिन्न अभावों का विश्लेषण करके निर्धनता का मापन करता है।
निर्धनता के मुख्य तीन आयाम निम्न हैं – 1 स्वास्थ्य 2.शिक्षा 3.जीवन स्तर, और इन्ही आधारों पर बहुआयामी निर्धनता सूचकांक निर्धारित किया जाता है।
इस वर्ष MPI द्वारा,109 देशों में बहुआयामी निर्धनता की जांच की गई है। उपलब्ध जानकारी के साथ 41देशों के लिए नृजातीयता/नस्ल/जाति के आधार पर निर्धनता का पृथक-पृथक परिदृश्य प्रस्तुत किया गया है।
प्रमुख निष्कर्षः
- 109 देशों में, 3 बिलियन लोग (21.7%) बहुआयामी रूप से निर्धन हैं। इनमें से आधे 18 वर्ष से कम आयु के किशोर हैं।
- लगभग 85% बहुआयामी निर्धन लोग उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया में अधिवासित हैं। बहुआयामी निर्धनता से पीड़ित लोगों की सर्वाधिक संख्या वाले शीर्ष 3 देश भारत, नाइजीरिया और पाकिस्तान हैं।
- कुछ मामलों में, नृजातीय और नस्लीय समूहों में बहुआयामी निर्धनता में व्याप्त असमानताएं, भौगोलिक उप-राष्ट्रीय क्षेत्रों में व्याप्त असमानताओं से अधिक हैं।
- भारत में छह बहुआयामी निर्धन लोगों में से पांच निम्न जनजातियों या जातियों से संबंधित हैं।
- विश्व भर में लगभग दो-तिहाई बहुआयामी निर्धन (836 मिलियन) ऐसे घरों में वास करते हैं, जहां किसी भी महिला या लड़की ने कम से कम छह वर्ष की स्कूली शिक्षा पूर्ण नहीं की है।
- 70 देशों ने प्रस्तुत समयावधियों में से कम से कम एक समयावधि के दौरान MPI मूल्य में सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण गिरावट दर्शाई है। इसमें सबसे तीव्र परिवर्तन सिएरा लियोन की स्थिति में आया है। इसके उपरांत टोगो का स्थान है।
स्रोत –द हिन्दू