‘वैश्विक न्यूनतम निगम कर दर’ पर समझौता संपन्न

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वैश्विक न्यूनतम निगम कर दर’ पर समझौता संपन्न

हॉल ही में आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) के अनुसार वैश्विक न्यूनतम निगम कर दर (Global Minimum Corporate tax rate) पर समझौता संपन्न हो गया है ।

बड़ी कंपनियों द्वारा 15% की न्यूनतम कर दर का भुगतान सुनिश्चित करने और उनके द्वारा किए जा रहे कर अपवंचन को कठिन बनाने के लिए एक वैश्विक समझौते पर भारत सहित 138 देशों ने सहमति व्यक्त की है।

चार देश- केन्या, नाइजीरिया, पाकिस्तान और श्रीलंका अभी तक इस समझौते में शामिल नहीं हुए हैं।

आधार क्षरण एवं लाभ स्थानांतरण (Base Erosion and Profit Shifting: BEPS) पर OECD/G20 समावेशी ढांचा अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण से उत्पन्न होने वाली कर चुनौतियों से निपटने हेतु दो-स्तंभ युक्त समाधान प्रदान करता है।

स्तंभ एक: यह लगभग 100 सर्वाधिक विशाल और अत्यधिक लाभ अर्जित करने वाले बहुराष्ट्रीय उद्यमों (MNEs) पर लागू होता है। ये MNEs 20 बिलियन यूरो सेअधिक का वैश्विक कारोबार करने वाले और 10% से अधिक की लाभप्रदता वाले उद्यम होते हैं। यह उन कंपनियों के लाभ का हिस्सा उन स्थानों पर पुनः आवंटित करता है, जहां वे अपने उत्पाद का विक्रय करते हैं या सेवाएं प्रदान करते हैं।

स्तंभ दोः यह अपेक्षाकृत विशाल MNEs, अर्थात 750 मिलियन यूरो से अधिक वार्षिक राजस्व उत्पन्न करने वाली कंपनियों पर लागू होता है। यह इन उद्यमों को वर्ष 2023 से 15% के वैश्विक न्यूनतम निगम कर के अधीन लाएगा।

महत्वः

  • दशकों से जारी ‘अनुचित प्रतिस्पर्धा’ को समाप्त किया जाएगा। ज्ञातव्य है कि MNEs को अति-निम्न कर दरों और छूटों के साथ आकर्षित करने के लिए देश लंबे समय से प्रतिस्पर्धा करते रहे हैं।
  • महामारी से संघर्ष हेतु अतिरिक्त कर राजस्व उत्पन्न करने में सहायक।
  • टैक्स हेवन देशों पर नियंत्रण स्थापित करने में सहायता प्राप्त होगी।
  • व्यवसायों के लिए समान परिस्थितियां उपलब्ध करवा कर वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में सहयोग प्राप्त होगा।

आधार क्षरण एवं लाभ स्थानांतरण (Base Erosion and Profit Shifting: BEPS)

BEPS उन बहुराष्ट्रीय उद्यमों (MNE) द्वारा उपयोगकी जाने वाली कर नियोजन रणनीतियों को संदर्भित करता है, जो कर भुगतान से बचने के लिए कर नियमों में व्याप्त त्रुटियों का लाभ उठाते हैं। वे कृत्रिम रूप से अपने लाभ को कर की निम्न दर वाले या कर मुक्त स्थानों पर स्थानांतरित करते हैं, जहां वे या तो अत्यल्प अथवा नगण्य आर्थिक गतिविधि संचालित करते हैं। इसके परिणामस्वरूप, उन्हें अत्यधिक कम या शून्य समग्र निगम कर का भुगतान करना होता है।

स्रोत –द हिन्दू

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