वैश्विक भुखमरी सूचकांक (Global Hunger Index: GHI) 2021
हाल ही में वैश्विक भुखमरी सूचकांक (Global Hunger Index: GHI) 2021 जारी किया गया, जिसमें भारत की रैंकिंग गिरकर 101 वें स्थान पर पहुंची गई है ।
GHI का उपयोग वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भुखमरी के स्तर को मापने तथा निगरानी करने के लिए किया जाता है। GHI के तहत चार मापदंडों (अल्पपोषण, चाइल्ड वेस्टिंग, चाइल्ड स्टंटिंगऔर बाल मृत्यु दर) का उपयोग करके स्कोर को निर्धारित किया जाता है ।
GHI को कंसर्न वर्ल्ड वाइड (अंतर्राष्ट्रीय मानवीय संगठन) और वेल्धुंगरहिल्फ (जर्मनी में निजी सहायता संगठन) द्वारा प्रकाशित किया जाता है।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
- हाल के वर्षों में संघर्ष (conflict), जलवायु परिवर्तन (climate change) और कोविड-19 (30) ने भुखमरी का समाधान करने हेतु की गई किसी भी प्रगति के सम्मुख संकट उत्पन्न किया है।
- सोमालिया में भुखमरी का उच्चतम स्तर है। चीन, ब्राजील और कुवैत सहित 18 देश शीर्ष देशों में शामिल है ।
भारत से संबंधित निष्कर्ष
- भारत 101वें स्थान (वर्ष 2020 में 94वां) के साथ, पाकिस्तान (92), बांग्लादेश (76) और नेपाल (76) से पीछे है।
- बच्चों में दुबलापन (लम्बाई के अनुपात में कम वजन) वर्ष 1998 और वर्ष 2002 के मध्य 1% से बढ़कर वर्ष 2016 और वर्ष 2020 के मध्य 17.3% हो गया है।
- 5 वर्ष से कम आय के बच्चों की मृत्यु दर, बच्चों में ठिगनेपन की व्यापकता और अपर्याप्त भोजन के कारण अल्पपोषण की व्यापकता जैसे संकेतकों में सुधार प्रदर्शित हुआ है।
- GHI के संदर्भ में प्रतिक्रिया देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा है प्रणाली संबंधी गंभीर मुद्दों सेग्रस्त खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) रिपोर्ट के आधार पर भारत की रैंकिंग में गिरावट की गई है। ज्ञातव्य है कि FAO रिपोर्ट को GHI में अल्पपोषण का आकलन करने के लिए उपयोग किया जाता है।
वैश्विक भुखमरी सूचकांक की संरचना :
इसके 4 मुख्य संकेतक हैं
- अपर्याप्त खाद्य आपूर्ति (अल्पपोषण)
- यह अपर्याप्त खाद्य आपूर्ति और भुखमरी के महत्वपूर्ण संकेतक का मापन करता यह बच्चों और वयस्कों दोनों की संपूर्ण आबादी को संदर्मित करता है।
- इसका सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) सहित मुखमरी संबंधी अंतर्राष्ट्रीय लक्ष्यों हेतु एक प्रमुख संकेतक के रूप में उपयोग किया जाता है।
- बाल मृत्यु दर (पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर)
- भुखमरी का सबसे गंभीर परिणाम मृत्यु है, और इसके प्रति सर्वाधिक सुमेच बच्चे होते है।
- यह सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दर्शाते हुए GHI की दक्षता में सुधार करता है।
- दुबलापन और ठिगनापन केवल बांशिक रूप से ही अल्पपोषण के कारण होने वाली मृत्यु से संबंधित जोखिम को दर्शाते हैं।
बाल अल्पपोषण
- दुबलापन
- ठिगनापन (चाइल्ड वेस्टिंग,चाइल्ड स्टंटिंग)
यह कैलोरी की उपलब्धता से परे थाहार की गुणवत्ता और उपयोग के पहलुखों पर विचार करता है। विशेष रूप से बच्चे पोषक तत्वों की कमी के प्रति सुभेद्य होते हैं।
घरों में असमान भोजन वितरण संवेदनशील मुद्दा है। दुबलापन और ठिगनापन SDGs हेतु पोषण संकेतक हैं।
स्रोत –द हिन्दू