वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF) ट्रस्ट फंड
आर्द्रभूमि, जैव विविधता और पारितंत्र सेवाओं का एकीकृत प्रबंधन’ परियोजना वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF) ट्रस्ट फंड द्वारा वित्तपोषित है।
इस योजना के लिए 5 वर्ष की अवधि हेतु 31.13 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
इस परियोजना में भारत की 3 आर्द्रभूमियां शामिल हैं:
- केरल में सस्तमकोट्टा झील,
- पंजाब में हरिके झील और
- बिहार में कबरताल।
वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF) ट्रस्ट फंड के बारे में:
- इसकी स्थापना वर्ष 1992 के रियो पृथ्वी शिखर सम्मेलन के एक दिन पहले की गई थी।
- GEF फंड अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरणीय अभिसमयों और समझौतों के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उपलब्ध है। यह फंड विकासशील देशों और उन देशों पर लक्षित है, जिनकी अर्थव्यवस्थाएं संक्रमण के दौर से गुजर रही हैं।
- विश्व बैंक,GEF ट्रस्ट फंड के ट्रस्टी के रूप में कार्य करता है और प्रशासनिक सेवाएं प्रदान करता है। GEF ट्रस्ट फंड में दानदाताओं द्वारा योगदान दिया जाता है।
आर्द्रभूमियाँ क्या है?
- रामसर कन्वेंशन के तहत आर्द्रभूमि की परिभाषा में दलदली भूमि, बाढ़ के मैदान, नदियाँ और झीलें, मैंग्रोव, प्रवाल भित्तियाँ और अन्य समुद्री क्षेत्र शामिल हैं जो कम ज्वार पर 6 मीटर से अधिक गहरे नहीं हैं, साथ ही मानव निर्मित आर्द्रभूमियों जैसे अपशिष्ट-जल उपचार वाले तालाब और जलाशय भी इसमें शामिल हैं।
- वैश्विक मूल्यांकन ने आर्द्रभूमि को सबसे अधिक खतरे वाले पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में चिह्नित किया है।
- यूनेस्को के अनुसार, यह दुनिया की 40% वनस्पतियों और वन्यजीवों को प्रभावित करता है जो आर्द्रभूमियों में निवास या प्रजनन करते हैं।
- भूमि आधारित कार्बन का तीस प्रतिशत पीटलैंड में संग्रहीत है; एक अरब लोग अपनी आजीविका के लिये आर्द्रभूमि पर निर्भर हैं; आर्द्रभूमियाँ आवश्यक सेवाओं में सालाना 47 ट्रिलियन डॉलर का योगदान करती हैं।
स्रोत –द हिन्दू