WHO ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (GCTM)
हाल ही में प्रधानमत्री ने गुजरात के जामनगर में ‘WHO ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रडिशनल मेडिसिन’ (GCTM) की आधारशिला रखी।
ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आयुष मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा स्थापित किया जा रहा है। पारंपरिक चिकित्सा के लिए यह विश्व का पहला और एकमात्र वैश्विक केंद्र होगा।
इसकी स्थापना आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से विश्व भर से पारंपरिक चिकित्सा (TM) की क्षमता का दोहन करने के लिए की जा रही है।
यह केंद्र WHO की पारंपरिक चिकित्सा रणनीति (2014-23) को लागू करने में मदद करेगा। इस रणनीति का उद्देश्य सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लक्ष्य की प्राप्ति में पारंपरिक चिकित्सा की भूमिका को मजबूत करना है।
GCTM के निम्नलिखित पांच लक्ष्य हैं:
- प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों का एक डेटाबेस तैयार करना;
- पारंपरिक चिकित्सा के परीक्षण और प्रमाणन के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानक तैयार करना;
- एक ऐसे मंच के रूप में विकसित होना, जहां विश्व भर से पारंपरिक चिकित्सा के विशेषज्ञ एक साथ आएं और अपना अनुभव साझा करें;
- पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए धन जुटाना; तथा
- पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा, दोनों प्रणालियों से रोगियों को लाभान्वित करने के लिए विशेष रोगों के समग्र उपचार हेतु प्रोटोकॉल विकसित करना।
GCTM का महत्व
- इसका उद्देश्य विश्व भर के समुदायों के संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार करना है।
- यह सभी आयु के लोगों के लिए स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने और कल्याण को बढ़ावा देने के सतत विकास लक्ष्य क्रमांक-3 (SDG-3) की प्राप्ति में मदद करेगा।
- यह पारंपरिक चिकित्सा और आधुनिक एलोपैथिक चिकित्सा के बीच सहयोग एवं समन्वय को बढ़ावा देगा।
- यह पारंपरिक चिकित्सा में नेतृत्व करने की भारत की क्षमता को मान्यता प्रदान करेगा।
- यह विश्व भर में आयुष (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी) प्रणालियों को स्थापित करेगा।
पारंपरिक चिकित्सा
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पारंपरिक चिकित्सा से आशय उन ज्ञान, कौशल और प्रथाओं के योग से है, जिन्हें देशज एवं अलग-अलग संस्कृतियों ने स्वस्थ जीवन को बनाए रखने तथा शारीरिक व मानसिक रोगों की रोकथाम, निदान और उपचार के लिए समय के साथ उपयोग किया है।
स्रोत – द हिंदू