जर्मनी ने द्वितीय विश्व युद्ध को लेकर इटली के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र न्यायालय में दायर मामला लिया वापस
हाल ही में, जर्मनी ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में नाजी पीड़ितों के लिए युद्ध की क्षतिपूर्ति पर इटली के खिलाफ अपना केस वापस ले लिया है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च न्यायिक निकाय है।
वर्ष 1945 में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का मुख्यालय नीदरलैंड के हेग में स्थित है।
इसकी स्थापना अलग-अलग देशों के बीच कानूनी विवादों के समाधान के लिए हुई है, जो इसकी प्राथमिक भूमिकाओं में से एक है।
द्वितीय विश्व युद्ध के बारे में (1939–1945)
- इस युद्ध में विश्व के सभी प्रमुख देशों ने भाग लिया था। इसकी समाप्ति वर्ष 1945 में धुरी देशों (Axis countries) की हार के साथ हुई थी।
- सितंबर 1939 में जर्मनी ने पोलैंड पर आक्रमण कर दिया था। इस घटना ने ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस को भी युद्ध घोषणा के लिए मजबूर कर दिया था। इस तरह इसने द्वितीय विश्व युद्ध का रूप धारण कर लिया था।
द्वितीय विश्व युद्ध के कारण
- प्रथम विश्व युद्ध के बाद हुई वर्साय की संधि (1919) स्थायी शांति और सुरक्षा स्थापित करने में विफल रही।
- संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ (USSR) के बिना लीग ऑफ नेशंस एक कमजोर संस्था सिद्ध हुई। सोवियत संघ को केवल वर्ष 1934 में राष्ट्र संघ में शामिल किया गया था।
- बेनिटो मुसोलिनी (1922) और एडोल्फ हिटलर (1933) के अधीन क्रमशः इटली (फासीवाद) और जर्मनी (नाजीवाद) में तानाशाही शासन का उदय हुआ था।
- दो विश्व युद्धों के बीच की अवधि के दौरान धुरी शक्तियों (जर्मनी, इटली और जापान) ने विस्तारवादी नीति अपनाई थी।
- निरस्त्रीकरण सम्मेलन (1932) और वाशिंगटन नौसेना सम्मेलन (1921-22) को निरस्त्रीकरण का लक्ष्य प्राप्त करने और नौसेना हथियारों की स्पर्धा को रोकने में विफलता हाथ लगी थी।
स्रोत –द हिन्दू