भू-चुंबकीय तूफानों (जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म) से संबंधित चेतावनी जारी

भूचुंबकीय तूफानों (जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म) से संबंधित चेतावनी जारी

सूर्य से उत्पन्न भू-चुंबकीय तूफान के पृथ्वी से टकराने के कारण रेडियो ब्लैकआउट की संभावना हो सकती है।

हाल ही में अमेरिका की नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के तहत स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर (SPWC) ने दो भू-चुंबकीय तूफानों (जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म) से संबंधित चेतावनी जारी की है।

जब कोरोनल मास इजेक्शन (CME) पृथ्वी से टकराता है,तो यह भू-चुंबकीय तूफान का कारण बनता है। भू–चुंबकीय तूफान पृथ्वी के चुम्बकीय मंडल (मैग्नेटोस्फीयर) में एक प्रकार की बाधा (विक्षोभ) है। चुम्बकीय मंडल पृथ्वी के चारों ओर एक क्षेत्र है। इसे पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र नियंत्रित करता है।

पृथ्वी का चुम्बकीय मंडल, पृथ्वी को सूर्य द्वारा उत्सर्जित अधिकांश कणों से बचाता है।

यह सौर पवनों के माध्यम से पृथ्वी के आसपास के अंतरिक्ष क्षेत्र में ऊर्जा के बड़े पैमाने पर आदान-प्रदान के कारण होता है।

भू-चुंबकीय तूफानों को G1 और G5 में वर्गीकृत किया गया है। G5 सबसे शक्तिशाली तूफान है।

भूचुंबकीय तूफान के प्रभाव:

  • यह उच्च आवृत्ति वाले रेडियो प्रसारण और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) उपकरणों को बाधित कर देता है।
  • यह उपग्रहों के इलेक्ट्रॉनिक्स को नुकसान पहुंचाता है। साथ ही, अंतरिक्ष यात्रियों और अधिक ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले पायलटों को रेडिएशन का सामना करना पड़ता है
  • चुंबकीय गतिविधि में बदलाव के कारण वोल्टेज बढ़ जाता है। इससे पृथ्वी पर विद्युत् की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। इसके अतिरिक्त, विद्युत् आपूर्ति में कटौती भी की जा सकती है।
  • कोरोनल मास इजेक्शन (CME) सूर्य के कोरोना से प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र का व्यापक रूप से बाहर निकलना है।
  • प्लाज्मा सूर्य पर मौजूद अत्यधिक आयनित गैस है, जबकि कोरोना सूर्य के वातावरण का सबसे बाहरी भाग है।

स्रोत – द हिंदू

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