भू–चुंबकीय तूफान ने स्टारलिंक उपग्रहों को किया नष्ट
हाल ही में, स्टारलिंक उपग्रहों में से दर्जनों उपग्रह प्रक्षेपित किए जाने के एक दिन बाद ही एक भू-चुंबकीय तूफान की चपेट में आने के कारण नष्ट हो गए।
- स्टारलिंक उपग्रहों को स्पेसएक्स द्वारा प्रक्षेपित किया गया है।
- स्टारलिंक, ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिए निम्न-भू कक्षा (1000 किमी से कम की ऊंचाई) में स्थापित उपग्रह हैं।
- भू-चुंबकीय तूफान, पृथ्वी के चुम्बकीय मंडल (Magnetosphere) में घटित होने वाला एक शक्तिशाली विक्षोभ है। जब सौर पवन के कारण पृथ्वी के आसपास के अंतरिक्ष परिवेश में ऊर्जा का अत्यधिक प्रभावशाली आदान-प्रदान होता है, तब भू-चुंबकीय तूफान की घटना घटित होती है।
- चुम्बकीय मंडल किसी ग्रह के चारों ओर अंतरिक्ष का वह क्षेत्र है, जो उस ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र द्वारा नियंत्रित होता है।
- ये तूफान सौर ज्वाला (सोलर फ्लेयर) नामक विकिरण के शक्तिशाली विस्फोटों से उत्पन्न होते हैं। यह सौर ज्वाला, सौर कलंक (Sunspots) के निकट चुंबकीय क्षेत्र की रेखाओं के पुनर्गठन के कारण ऊर्जा के अचानक विस्फोट से उत्पन्न होती है।
- सूर्य के आंतरिक भाग में सक्रिय सौर चुंबकीय चक्र ऐसे क्षेत्र बनाता है, जो सतह पर उभर कर काले धब्बों की तरह दिखाई देते हैं। उन धब्बों को ही सौर कलंक कहते हैं। ये काले इसलिए दिखाई देते हैं, क्योंकि वे सूर्य की सतह के अन्य भागों की तुलना में कम गर्म होते हैं।
पृथ्वी पर प्रभाव
- ये तूफान GPS, रेडियो और उपग्रह संचार जैसी अंतरिक्ष आधारित सेवाओं के संचालन को प्रभावित कर सकते हैं।
- ये विमान की उड़ानों, विद्युत ग्रिड और अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम को प्रभावित कर सकते है।
- स्पेसवॉक कर रहे अंतरिक्ष यात्रियों को सौर विकिरण के संपर्क में आने से स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों का सामना करना पड़ता है।
स्रोत –द हिन्दू