हाल ही में भू-स्थानिक डेटा जारी करने की पहली वर्षगांठ मनाई गई है ।
भू-स्थानिक डेटा जारी करने की पहली वर्षगांठ मनाई गई है। इस अवसर पर भारत सरकार ने घोषणा की है कि वह छह लाख से अधिक गांवों का मानचित्र तैयार कर रही है।
- इसके अलावा, 100 भारतीय शहरों के अखिल भारतीय 3D मानचित्र भी निर्मित किए जा रहे हैं। इसके लिए भू स्थानिक प्रौद्योगिकी और ड्रोन का उपयोग किया जाएगा।
- भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी शब्द आधुनिक उपकरणों की एक श्रेणी का वर्णन करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इन उपकरणों का उपयोग पृथ्वी और मानव समाज के भौगोलिक मानचित्रण एवं विश्लेषण में किया जाता है।
भू–स्थानिक प्रौद्योगिकियों के प्रकारः
- सुदूर संवेदन (रिमोट सेंसिंग): इसमें अंतरिक्ष से एकत्र की गई छवियां और डेटा शामिल होता है। इसमें एयरबोर्न कैमरा और सेंसर प्लेटफॉर्म भी प्रयुक्त होते हैं।
- भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS): डेटा के मानचित्रण और विश्लेषण के लिए सॉफ्टवेयर उपकरण, जो भू–संदर्भित होते हैं अर्थात पृथ्वी की सतह पर एक विशेष स्थान पर लगाए जाते हैं।
- इंटरनेट मैपिंग तकनीक: गूगल अर्थ जैसे प्रोग्राम। > पिछले वर्ष 2021 में भू-स्थानिक डेटा के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। इनमें मानचित्र सहित भू-स्थानिक डेटा और भू-स्थानिक डेटा सेवाओं के सृजन एवं प्राप्ति संबंधी दिशा निर्देश शामिल हैं।
पिछले वर्ष 2021 में भू-स्थानिक डेटा के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। इनमें मानचित्र स . भू-स्थानिक डेटा और भू-स्थानिक डेटा सेवाओं के सृजन एवं प्राप्ति संबंधी दिशा निर्देश शामिल हैं।
इसके अलावा, सरकार प्रारूप राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति (National Geospatial Polygon to Settings to activate Windows) और भारतीय उपग्रह नेविगेशन नीति (SATNAV) को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है।
भू–स्थानिक प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगः
- मौसम विज्ञानः विशेष क्षेत्रों के लिए मौसम पूर्वानुमान जारी करने में।
- कृषिः एक चयनित भूभाग पर वनस्पति की स्थिति का आकलन करने में
- स्वास्थ्य देखभालः महामारी के प्रकोप के क्षेत्रों की निगरानी में।
- वानिकी: वनाग्नि और वनों की कटाई का पता लगाने तथा बड़े पैमाने पर वनाग्नि को रोकने में।
- परिवहनः स्थान और आगमन के समय की जानकारी, रूट मेकिंग तथा नेविगेशन के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है।
स्रोत –द हिन्दू