गगन (GAGAN) का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण
हाल ही में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने गगन आधारित ‘लोकलाइज़र परफॉर्मेंस विद वर्टिकल गाइडेंस’ (LPV) पद्धति का उपयोग करते हुए सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया है ।
- एयर नेविगेशन सर्विसेज (ANS) के क्षेत्र में इस तरह की उपलब्धि हासिल करने वाला भारत एशिया प्रशांत क्षेत्र का पहला देश बन गया है।
- LPV, विमान निर्देशित पद्धतियों को संभव बनाता है। ये पद्धतियां परिचालनात्मक रूप से कैटेगरी 1- इंस्ट्रमेंट लैंडिंग सिस्टम (Cat-IILS) के लगभग समान हैं।
- इनके लिए भूमि पर स्थित नेविगेशन अवसंरचना की आवश्यकता नहीं होती है।
- यह खराब मौसम और कम दृश्यता की स्थिति में भी विमान के परिचालन संबंधी लाभ प्रदान करेगा।
गगन (जी.पी.एस. एडेड जियो ऑगमेंटेड नेविगेशन–GAGAN) के बारे में-
- गगन (GAGAN) एक भारतीय उपग्रह आधारित संवर्धन प्रणाली (SBAS) है। इसे भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो/ISRO) ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। इसे भारत और भूमध्यरेखीय क्षेत्र में इसके पड़ोसी देशों के लिए विकसित किया गया है।
- यह विश्व में उपलब्ध केवल चार उपग्रह आधारित संवर्धन प्रणालियों में से एक है।
अन्य तीन हैं: WAAS (संयुक्त राज्य अमेरिका), EGNOS (यूरोप) तथा MSAS (जापान)।
गगन के लाभ –
- हवाई यातायात में वृद्धि से निपटने हेतु हवाई यातायात नियंत्रण में सहायक है। इसके अलावा,यह सुरक्षा बनाए रखते हुए प्रदर्शन में सुधार करता है। साथ ही, भूमि पर जरूरी अवसंरचना की आवश्यकता को भी कम करता है।
- भारत में भूमि परिवहन का प्रबंधन करता है, चाहे वह सड़क परिवहन हो या रेल परिवहन।
- परिशुद्ध कृषि या फसलों पर हवाई छिड़काव को संभव बनाकर किसानों की सहायता करता है।
- इसे वन और वन्यजीव संसाधन प्रबंधन प्रणाली में उपयोग किया जाता है।
इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टमः
यह अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (ICAO) की मानक सटीक लैंडिंग सहायता प्रणाली है। इसका उपयोग सामान्य या प्रतिकूल मौसम की स्थितियों में रनवे पर उतरने के लिए विमान को मार्गदर्शन देने में किया जाता है। यह लैंडिंग के लिए सटीक रूप से नीचे आने हेतु मार्गदर्शन संकेत प्रदान करती है।
स्रोत –द हिन्दू