G7 शिखर सम्मेलन जापान के हिरोशिमा में आयोजित किया गया
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी7 समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन और चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (Quad) समूह के शीर्ष नेताओं की बैठक में भाग लेने के लिए जापान के दौरे पर गए।
इस समूह के सदस्य हैं: कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका तथा यूरोपीय संघ ।
हिरोशिमा शिखर सम्मेलन के मुख्य निष्कर्ष –
- G7 “हिरोशिमा AI प्रोसेस” नामक एक मंत्रिस्तरीय फोरम का गठन करेगा। इस फोरम को गठित करने का उद्देश्य जनरेटिव AI से जुड़े मुद्दों जैसे कि कॉपीराइट और दुष्प्रचार पर चर्चा करना है।
- सम्मेलन में विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से 2050 तक नेट-जीरो उत्सर्जन की स्थिति प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया गया ।
- हालांकि, भारत पहले ही घोषणा कर चुका है कि वह 2070 तक ही नेट- जीरो उत्सर्जन की स्थिति को प्राप्त कर पाएगा।
- आर्थिक दबाव पर समन्वय मंच ( Coordination Platform on Economic Coercion) का शुभारंभ किया गया। इस मंच का मुख्य उद्देश्य किसी देश द्वारा आर्थिक दबाव के इस्तेमाल का सामूहिक आकलन करने, उससे निपटने की तैयारी करने, प्रतिरोधकता विकसित करने तथा जवाबी प्रतिक्रिया में वृद्धि करना है।
- लोचशील वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए हिरोशिमा एक्शन स्टेटमेंट लॉन्च किया गया है। इस एक्शन स्टेटमेंट का उद्देश्य वैश्विक खाद्य संकट का समाधान करना। साथ ही अधिक लचीली, संधारणीय और समावेशी खाद्य प्रणाली का विकास करना है।
- G7 के देशों ने इस बात की भी पुष्टि की कि वे चीन से अलग (Decoupling) नहीं हो रहे हैं, बल्कि जोखिम कम करने के लिए (De-risking) उस पर अपनी निर्भरता कम कर रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि उनकी यह सोच साझेदारी में विविधता लाने और इसे मजबूत करने की रणनीति पर आधारित है।
स्रोत – द हिन्दू