G7 देशों के जलवायु और पर्यावरण मंत्रियों की बैठक जापान में संपन्न
हाल ही में G7 देशों के जलवायु और पर्यावरण मंत्रियों की बैठक साप्पोरो, जापान में आयोजित की गई है।
प्रमुख निष्कर्ष:
- इस बैठक में G7 देशों ने वैश्विक ग्रीनहाउस गैस (GHC) उत्सर्जन को 2030 तक लगभग 43 प्रतिशत और 2035 तक 60 प्रतिशत तक कम करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया ।
- उन्होंने 2040 तक अतिरिक्त प्लास्टिक प्रदूषण को शून्य तक कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को एक दशक आगे बढ़ाया गया है।
- G7 सदस्यों ने सामूहिक रूप से 2030 तक अपतटीय पवन ऊर्जा क्षमता को 150 गीगावाट तक और सौर ऊर्जा क्षमता को 1 टेरावाट से अधिक तक बढ़ाने का संकल्प लिया है ।
- G7 अनअबेटेड (Unabated) जीवाश्म ईंधन की चरणबद्ध रूप से समाप्ति में तेजी लाएगा। इससे 2050 तक ऊर्जा प्रणालियों में नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल किया जा सकेगा ।
- कार्बन कैप्चर, यूटिलाइजेशन और स्टोरेज (CCUS) प्रौद्योगिकी के बिना संयंत्रों में जीवाश्म ईंधन की खपत को “अनबेटेड” जीवाश्म ईंधन के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
ग्रुप ऑफ सेवेन अर्थात G7 के बारे में
- यह प्रमुख औद्योगिक राष्ट्रों का एक अनौपचारिक संगठन है। ये वे राष्ट्र हैं, जो वैश्विक व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली में वर्चस्ववादी स्थिति में हैं ।
- यह वैश्विक आर्थिक गवर्नेस, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और ऊर्जा नीति जैसे मुद्दों पर चर्चा करने के लिए वार्षिक बैठकें करता है। इसके अलावा, मौजूदा परिस्थितियों से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा करता है ।
- सदस्य: संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान ।
- यूरोपीय संघ G7 का सदस्य नहीं है, लेकिन वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेता है।
- G7 देशों की वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 46 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस