G20 समूह
हाल ही में, ‘जी -20 का फाइनेंस बोफिन सेशन’ (G20 finance boffins session) आयोजित किया गया था । इस आयोजन के दौरान रूसी अधिकारियों के बोलने से पहले, अमेरिकी ट्रेजरी सचिव ‘जेनेट येलेन’ और पश्चिमी ब्लॉक के उनके अधिकारी सत्र से बाहर चले गए।
इस प्रकार, G20 के आयोजन पर अमेरिका और इन देशों ने ‘यूक्रेन पर मास्को के युद्ध का विरोध करने के लिए’ एक प्रकार से रूस का बहिष्कार किया है ।
विदित हो कि बहिष्कार करने वाले इन देशों में इंडोनेशिया, चीन, भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और सऊदी अरब सहित कम से कम दस अन्य देशों के अधिकारी सम्मिलित नहीं हुए थे।
विरोध करने वाले देशों का कहना है, कि रूस का यूक्रेन पर अवैध आक्रमण ‘वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक गंभीर खतरा’ है।
इन देशों की मांग है कि रूस को इस प्रकार की बैठकों में भाग शामिल ही नहीं करना चाहिए।
G20 समूह के बारे में:
- G20 विश्व की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है।
- साथ ही इस समूह का विश्व की 85 प्रतिशत जीडीपी पर नियंत्रण है, और यह विश्व की दो-तिहाई जनसख्या का प्रतिनिधित्व करता है।
- G20 शिखर सम्मेलन को औपचारिक रूप से ‘वित्तीय बाजार तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था शिखर सम्मेलन’ के रूप में जाना जाता है।
अध्यक्षता :
- G20 समूह का कोई स्थायी स्टाफ नहीं है, और न ही इसका कोई मुख्यालय है। G20 समूह की अध्यक्षता क्रमिक रूप से सदस्य देशों द्वारा की जाती है।
- अध्यक्ष देश, अगले शिखर सम्मेलन के आयोजन तथा आगामी वर्ष में होने वाली छोटी बैठकें के आयोजन के लिए जिम्मेवार होता है।
- G20 समूह की बैठक में गैर-सदस्य देशों को मेहमान के रूप में आमंत्रित किया जा सकता हैं।
- पूर्वी एशिया में वित्तीय संकट ने समूचे विश्व के कई देशों को प्रभावित करने के बाद G20 की पहली बैठक दिसंबर, 1999 में बर्लिन में हुई थी।
G20 सदस्य देश:
अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ।
स्रोत –द हिन्दू