G-7 की बैठक संपन्न
G-7 की बैठक संपन्न
- हाल ही में G7 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक का आयोजन संपन्न हुआ है ।दो वर्षो में पहली बार हुई इस वार्ता में आक्रमक होते चीन के खिलाफ एक सामूहिक मोर्चा बनाने पर चर्चा की गई है ।
- इस सम्मलेनमें ईरान और उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रमों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।
पृष्ठभूमि
- चीन के बढ़ते सैन्य और आर्थिक प्रभुत्व और देश और विदेश में अपने प्रभाव को बढ़ाने की इच्छा के कारण लोकतान्त्रिक देशों में में बेचैनी बढ़ रही है।
बैठक के मुख्य बिंदु
- चीन के शिनजियांग क्षेत्र और हांगकांग में नागरिक अधिकारों के खिलाफ कठोर नीति बनाने के लिए ब्रिटेन के साथ अमेरिका ने “मजबूत सहयोग” का वादा किया है । चीन द्वारा झिंजियांग क्षेत्र में एक मिलियन उइगर और अन्य मुसलमानों को कैद किया गया है, जिसे वाशिंगटन ने नरसंहार का कार्य बताया है।
- ब्रिटेन ने बीजिंग से उसकी प्रतिबद्धताओं का पालन करने की मांग की, जिसमे हांगकांग पर किये गए वादे भी शामिल हैं। लंदन द्वारा वर्ष 1997 में अपने उप-निवेश हांगकांग को चीन के लिए सौंपे जाने से पहले, चीन ने हांगकांग के लिए एक अलग प्रणाली का वादा किया था।
- ब्रिटेन ने बीजिंग से अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करने की मांग की, जिसमें हांगकांग से किए गए वादे भी शामिल थे। 1997 में लंदन ने अपनी कॉलोनी हांगकांग का चीन को सौंपने से पहले, चीन ने हांगकांग के लिए एक अलग प्रणाली का वादा किया था।
- बैठक में शामिल देशों ने ‘चीन के साथ काम करने के लिए, जलवायु परिवर्तन सहित, जहाँ भी संभव हो, रचनात्मक तरीके खोजने के लिए समझदारी और सकारात्मक तरीके खोजने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की।
G7 क्या है?
- जी-7, जिसे मूल रूप से 1975 में जी-8 के रूप में स्थापित किया गया था। यहएक अनौपचारिक मंच है जो दुनिया के प्रमुख औद्योगिक देशों को एक साथ लाता है।
- जी -7 शिखर सम्मेलन यूरोपीय संघ (ईयू) और निम्नलिखित देशों के प्रतिनिधियों को इकट्ठा का एक मंच है कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेडकिंगडम, संयुक्त राज्य।
- जी –7 का प्रमुख उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर चर्चा और विचार-विमर्श करना है। समय-समय यह आर्थिक मुद्दों पर विशेष ध्यान देने के अलावा अन्य वैश्विक समस्याओं का समाधान करने के लिए सहमति से कार्य करता है।
G7 का G8 में रूपांतरण
- रूस को वर्ष 1998 में औपचारिक रूप से G-7 समूह में सदस्य के रूप में शामिल किया गया था, इसके बाद G-7 समूह G-8 हो गया।
- रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारावर्ष 2014 में पूर्वी उक्रेन में रूसी सैनिकों की तैनाती तथा क्रीमिया पर कब्जे को लेकर अन्य जी 8 राष्ट्रों ने इन कार्यवाहियों की कड़ी आलोचना की।
- G-8 समूह के अन्य राष्ट्रों द्वारा रूस की इन कार्यवाहियों परिणामस्वरूप रूस को जी-8 समूह से निलंबित करने का निर्णय किया गया तथा वर्ष 2014 में पुनः जी-7 समूह बन गया।
स्रोत – द हिन्दू
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