G-20 संगठन का कोविड वैक्सीन पर वक्तव्य
G-20 संगठन का कोविड वैक्सीन पर वक्तव्य
हाल ही में G-20 ने चेतावनी दी है कि कोविड वैक्सीन की कमी से वैश्विक आर्थिक बहाली (Global Economic Recovery) की प्रक्रिया के समक्ष खतरा उत्पन्न हो सकता है।
वेनिस में जारी किए गए अंतिम वक्तव्य मेंG-20 देशों के वित्त मंत्रियों ने कोरोना वायरस के नए वेरिएंट्स और विश्व में अलग-अलग गति से जारी टीकाकरण से वैश्विक आर्थिक बहाली के समक्ष उत्पन्न खतरे पर चिंता व्यक्त की है।
हालांकि, लगभग सभी देशों ने आर्थिक सहायता पैकेज (राजकोषीय और मौद्रिक नीति समर्थन) जारी किए हैं या उन्होंने अपने नागरिकों के टीकाकरण के लिए प्रयास किए हैं। इसके बावजूद वास्तविक बहाली और टीकाकरण स्तरों के मध्य व्यापक अंतराल मौजूद है।
टीकाकरण की निम्न दर का तात्पर्य यह है कि निर्धन देशों को वायरस और इसके वेरिएंट्स के संपर्क में आने का जोखिम अधिक है।
G-20 वित्त मंत्रियों के सम्मेलन और G-20 वैश्विक स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन के मुख्य निष्कर्षः
- महामारी के विरुद्ध तैयारी में सुधार, स्थानीय विनिर्माण क्षमता में वृद्धि और विश्वव्यापी स्वास्थ्य प्रणालियों में निवेश के लिए रोम घोषणा (18-सूत्रीय प्रतिबद्धता) को स्वीकार किया गया है।
- कोविड-19 से निपटने के लिए टीकों के ‘समान वैश्विक साझाकरण’ और सभी संभावित साधनों के उपयोग हेतु सहायता के लिए प्रतिबद्धता प्रकट की गई है।
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व बैंक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विश्व व्यापार संगठन (WTO) द्वारा नए टीकों के वित्तपोषण के लिए 50 बिलियन डॉलर की राशि की अनुशंसा की गई है।
- यूरोप (मुख्य रूप से फ्रांस, इटली और जर्मनी) ने वर्ष के अंत तक निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों (LMIC) के साथ वैक्सीन की 100 मिलियन डोज़ (खुराक) साझा करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
स्रोत:द हिन्दू
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