G-20 कृषि मंत्रियों की बैठक संपन्न
G-20 देशों ने पहली बार एक सहमति आधारित परिणाम दस्तावेज को स्वीकार किया है । इस दस्तावेज का शीर्षक है: “आउटकम डॉक्युमेंट्स एंड चेयर्स समरी“।
इस बैठक में चार प्राथमिकता वाले क्षेत्रकों को रेखांकित किया गया है ।
- खाद्य सुरक्षा एवं पोषण को बढ़ाने के लिए कृषि विविधता को बढ़ावा देना और सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों में सुधार करना ।
- संधारणीय कृषि उत्पादन के लिए जलवायु – अनुकूल प्रौद्योगिकियों का वित्त-पोषण करना ।
- लचीली कृषि आपूर्ति श्रृंखला के माध्यम से समावेशी संवृद्धि को बढ़ावा देना ।
- कृषि क्षेत्र के डिजिटलीकरण तथा कृषि डेटा प्लेटफॉर्म्स के मानकीकरण पर बल देना।
परिणाम दस्तावेज में निम्नलिखित दो प्रमुख परिणाम उल्लिखित हैं-
डेक्कन उच्च स्तरीय सिद्धांत:
इन सिद्धांतों ने निम्नलिखित में जी20 सामूहिक उत्तरदायित्व का प्रदर्शन किया है-
- वैश्विक खाद्य सुरक्षा संकटों से निपटने में;
- सुभेद्य देशों व आबादी को मानवीय सहायता प्रदान करने में;
- खाद्य सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने व पोषक खाद्य तक पहुंच प्रदान करने में;
- जलवायु स्मार्ट और जलवायु लोचशील कृषि आपूर्ति श्रृंखलाओं पर ध्यान केंद्रित करने में आदि
अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स और अन्य प्राचीन खाद्यान्न अनुसंधान पहल (MAHARISHI/महर्षि):
- इस पहल का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष, 2023 और उसके बाद मिलेट्स व अन्य प्राचीन अनाजों के बारे में अनुसंधान सहयोग को आगे बढ़ाना तथा इसके संबंध में जागरूकता पैदा करना है। विदित हो कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में घोषित किया है।
- इस बैठक में, भारत ने प्रस्ताव प्रस्तुत किया कि आगामी दिल्ली शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को जी20 की पूर्ण सदस्यता प्रदान की जानी चाहिए । अफ्रीकी संघ 55 सदस्य देशों से बना है। यह अफ्रीकी महाद्वीप के सभी देशों का प्रतिनिधित्व करता है। इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा में स्थायी पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है।
स्रोत – पी.आई.बी.